मोदी सरकार ने करोड़ों नौकरीपेशा लोगों को दी एक और सौगात, पीएफ पर ब्याज दरें 0.10 फीसदी बढ़ाई
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नई दिल्ली: लोकसभा चुनावों से पहले मोदी सरकार ने आम जनता को एक और बड़ा तोहफा दिया है. दरअसल कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) वित्त वर्ष 2018-19 के लिए अपने छह करोड़ से अधिक अंशधारकों की कर्मचारी भविष्य निधि पर ब्याज दर बढाकर 8.65 फीसदी कर दिया है. 2017-18 में भी ब्याज दर 8.55 फीसदी ही थी, जो पांच साल में सबसे कम थी.

श्रम मंत्री की अध्यक्षता वाला न्यासी बोर्ड ईपीएफओ का निर्णय लेने वाला शीर्ष निकाय है जो वित्त वर्ष के लिए भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को अंतिम रूप देता है. बोर्ड की मंजूरी के बाद प्रस्ताव को वित्त मंत्रालय से सहमति की जरूरत होगी. वित्त मंत्रालय की मंजूरी के बाद ब्याज दर को अंशधारक के खाते में डाला जाएगा.

गौरतलब हो कि देशभर में नवंबर 2018 में 7.32 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध हुआ. यह आंकड़ा एक साल पहले इसी माह के मुकाबले 48 प्रतिशत अधिक है. पिछले 15 माह में नवंबर के दौरान सबसे ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा हुये. ईपीएफओ के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है. इसके मुताबिक एक साल पहले नवंबर में 4.93 लाख लोगों को ही रोजगार मिला था.

ईपीएफओ के भविष्य निधि कोष में पिछले सितंबर 2017 से लेकर नवंबर 2018 के दौरान कुल 73.50 लाख नये नाम दर्ज किये गये. इससे यह संकेत मिलता है कि देश के संगठित क्षेत्र में इतने लोगों को रोजगार मिला है. दरअसल, वेतनभोगी लोगों का ईपीएफ जमा करने के लिये उनका नाम ईपीएफओ रजिस्टर में दर्ज किया जाता है.

हालांकि, ईपीएफओ ने अक्टूबर 2018 के रोजगार आंकड़ों को संशोधित कर 6.66 लाख किया है. इससे पहले यह आंकड़ा 8.27 लाख बताया गया था. संगठन ने सितंबर 2017 से लेकर अक्टूबर 2018 के दौरान ईपीएफ में दर्ज होने वाले कुल आंकड़ों को भी पहले के 79.16 लाख से संशोधित कर 66.18 लाख किया है.

आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल मार्च में ईपीएफओ की भविष्य निधि योजना में सबसे कम 55,831 नये नाम दर्ज हुये. ईपीएफओ आंकड़ों के मुताबिक नवंबर 2018 में सबसे जयादा 2.18 लाख रोजगार 18 से 21 आयु वर्ग में दिये गये. इसके बाद 2.03 लाख रोजगार 22 से 25 वर्ष के आयु वर्ग में मिले हैं.

(भाषा इनपुट के साथ)