1 अक्टूबर 2024 से कई महत्वपूर्ण वित्तीय नियमों में बदलाव होने जा रहा है, जिनका सीधा असर आपकी व्यक्तिगत वित्तीय योजनाओं पर पड़ सकता है. इन बदलावों में आधार कार्ड से जुड़े नए नियम, बोनस शेयर, छोटी बचत योजनाओं, और कई अन्य पहलू शामिल हैं. अगर आप इन बदलावों के बारे में जानकारी नहीं रखते हैं, तो हो सकता है कि आपको कुछ असुविधाओं का सामना करना पड़े. आइए, जानते हैं कि ये 7 महत्वपूर्ण बदलाव कौन से हैं और उनका आपकी जिंदगी पर क्या असर हो सकता है.
1. LPG सिलेंडर के दाम
ऑयल मार्केटिंग कंपनिया हर महीने की पहली तारीख को एलपीजी सिलेंडर की कीमतों (LPG Cylinder Price) में बदलाव करती हैं और 1 अक्टूबर 2024 को सुबह छह बजे से संशोधित दाम जारी किए जा सकते हैं. इस बार दिवाली से पहले घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में कटौती की उम्मीद जताई जा रही है.
2. ATF और CNG-PNG की कीमतों में बदलाव
हर महीने की पहली तारीख को ऑयल कंपनियां हवाई ईंधन यानी एयर टर्बाइन फ्यूल (ATF) और CNG-PNG की कीमतों में भी बदलाव करती हैं. ऐसे में इनके नए संशोधित दाम मंगलवार की सुबह आपके सामने आ सकते हैं. इससे पहले सितंबर महीने में एटीएफ की कीमतों में कटौती की गई थी.
3. आधार कार्ड से जुड़ा बड़ा बदलाव
1 अक्टूबर 2024 से आप आधार एनरोलमेंट आईडी का उपयोग पर्मानेंट अकाउंट नंबर (PAN) या इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने के लिए नहीं कर सकेंगे. आयकर अधिनियम की धारा 139AA के तहत, अगर आप आधार प्राप्त करने के योग्य हैं, तो पैन कार्ड या आयकर रिटर्न के लिए आवेदन करते समय आधार नंबर का उल्लेख करना अनिवार्य होगा.
4. बोनस शेयरों के नियमों में बदलाव
सेबी (SEBI) ने बोनस शेयरों की ट्रेडिंग को और सरल बनाने के लिए एक नया ढांचा तैयार किया है. 1 अक्टूबर 2024 से बोनस शेयरों की ट्रेडिंग T+2 प्रणाली के तहत होगी, जिससे रिकॉर्ड डेट और ट्रेडिंग के बीच का समय कम हो जाएगा. इसका सीधा फायदा शेयरधारकों को होगा.
5. छोटी बचत योजनाओं के लिए नए दिशानिर्देश
वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग ने नेशनल स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स (NSS) के तहत गलत तरीके से खोले गए खातों के नियमितीकरण के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं. अब गलत तरीके से खोले गए पीपीएफ (PPF) सुकन्या समृद्धि (Sukanya Samriddhi) जैसे खातों को मंत्रालय द्वारा नियमित किया जाएगा. इससे खाताधारकों को भविष्य में परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा.
6. सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (STT) में वृद्धि
फ्यूचर्स और ऑप्शंस (F&O) ट्रेडिंग पर सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (STT) में भी बदलाव होने जा रहा है. 1 अक्टूबर 2024 से ऑप्शंस की बिक्री पर STT बढ़कर 0.1% हो जाएगा, जो पहले 0.0625% था. इससे ट्रेडर्स को विकल्प खरीदने और बेचने में थोड़ा अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ेगा, जिसका असर विशेष रूप से डेरिवेटिव्स मार्केट में महसूस होगा.
7. भारतीय रेलवे का विशेष अभियान
भारतीय रेलवे 1 अक्टूबर 2024 से बिना टिकट यात्रा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू करने जा रहा है. त्योहारी सीजन में यात्रियों की संख्या बढ़ने के कारण यह विशेष अभियान चलाया जाएगा. रेलवे मंत्रालय का यह कदम यात्रियों को बिना टिकट यात्रा से रोकने और सख्त टिकट चेकिंग प्रक्रिया को लागू करने के लिए है.
8. पोस्ट ऑफिस खाते पर ब्याज दरों में बदलाव
छोटी बचत योजनाओं के तहत पोस्ट ऑफिस खातों की ब्याज दरों में भी 1 अक्टूबर से बदलाव किए जा रहे हैं. NSS (National Small Savings) योजनाओं के अंतर्गत आने वाले खातों की ब्याज दरों में बदलाव से बचत खाताधारकों की ब्याज आय पर असर पड़ सकता है. इसलिए, अगर आपका खाता पोस्ट ऑफिस में है, तो आपको इन बदलावों की जानकारी होनी चाहिए.
9. विवाद से विश्वास योजना 2024 का शुभारंभ
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने घोषणा की है कि ‘विवाद से विश्वास योजना 2024’ 1 अक्टूबर से लागू की जाएगी. इस योजना का उद्देश्य आयकर विवादों को सुलझाना है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और अन्य अपीलीय प्राधिकरणों के समक्ष लंबित मामलों को 22 जुलाई 2024 तक निपटाने का प्रावधान होगा. इस योजना से करदाताओं को अपने लंबित विवादों को समाप्त करने में मदद मिलेगी.
10. HDFC क्रेडिट कार्ड के लायल्टी प्रोग्राम में बदलाव
1 अक्टूबर से HDFC बैंक के क्रेडिट कार्ड के लायल्टी प्रोग्राम को लेकर भी बदलाव होने जा रहा है. दरअसल, नए नियम के मुताबिक HDFC बैंक ने स्मार्टबाय प्लेटफार्म पर एप्पल प्रोडक्ट के लिए रिवार्ड प्वाइंट के रिडम्पशन को एक प्रोडक्ट हर कैलेंडर तिमाही तक सीमित कर दिया है.
1 अक्टूबर 2024 से लागू होने जा रहे ये 7 महत्वपूर्ण बदलाव आपके वित्तीय जीवन में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं. चाहे वो आधार कार्ड से जुड़ा नया नियम हो, या फिर पोस्ट ऑफिस खातों पर ब्याज दर में बदलाव—हर बदलाव का आपके ऊपर सीधा प्रभाव पड़ेगा. इन सभी परिवर्तनों की जानकारी रखना और अपने वित्तीय निर्णयों को सही दिशा में ले जाना बेहद आवश्यक है.