01 जून 2023 माह से बदल रहे हैं कुछ नियमः माना जा रहा है कि 1 जून 2023 से गैस सिलेंडर की कीमतों में बदलाव किया जाएगा. केंद्र सरकार द्वारा 1 जून 2023 से कुछ महत्वपूर्ण सरकारी नियम बदले जा रहे हैं, जिसका असर देश की आम जनता की जेब पर पड़ेगा. इनमें इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ गैस सिलेंडर की कीमत में होने वाले बदलाव शामिल है. इसके साथ-साथ भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का ‘100 दिन 100 भुगतान’ का अभियान भी 01 जून 2023 से शुरू होने के कयास लगाये जा रहे हैं. सस्ती होंगी ये दवाएं, सरकार के इस कदम से 50 फीसदी घट जाएगी कीमत.
आइये जानते हैं 01 जून 2023 से होने वाले इन परिवर्तनों के बारे में
क्या है आरबीआई के ‘100 दिन 100 भुगतान’ मिशन?
12 मई 2023 को, सेंट्रल बैंक ने देश के तमाम बैंकों के लिए '100 दिन 100 भुगतान' अभियान की घोषणा की थी, ताकि '100 दिन' के भीतर देश के हर जिले में प्रत्येक बैंक के शीर्ष '100 लावारिस जमा' का पता लगाया जा सके और उसका निपटारा किया जा सके. इस अभियान के तहत बैंक देश के हर जिले में 100 दिनों के भीतर प्रत्येक बैंक की शीर्ष 100 लावारिस जमा राशि का पता लगाएं और उनका निपटारा करेंगे. इस मिशन के जरिये भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंकिंग प्रणाली में दावा नहीं की गई जमाराशियों की मात्रा को कम करने और ऐसी जमाराशियों को उनके सही मालिकों अथवा दावेदारों को वापस करने के लिए चल रहे प्रयासों के पूरे होने की उम्मीद की जा रही है.
क्या रसोई गैस सिलेंडर की कीमतें कम होंगी?
पेट्रोलियम और ऑयल मार्केटिंग कंपनियां घोषित नियमों के तहत हर महीने की शुरुआत में गैस सिलेंडर की कीमत तय करती हैं. उम्मीद है कि इस 01 जून, 2023 से गैस सिलेंडर की कीमतों में संशोधन किया जाएगा. इससे पहले मई में एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 171.50 रुपये की कमी की घोषणा की गई थी, हालांकि, घरेलू सिलेंडर की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया था.
इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतों में होगी वृद्धि!
इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की कीमतों में 01 जून, 2023 से वृद्धि की जा रही है, क्योंकि केंद्र सरकार ने FAME-II (भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण का तेजी से अपनाने) योजना के तहत प्रदान की जाने वाली सब्सिडी की राशि को कम कर दिया है, जो पंजीकृत इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों पर लागू है.
खांसी की दवा का परीक्षण!
भारत के औषधि महानियंत्रक (Drugs Controller General of India) ने निर्दिष्ट राज्य प्रयोगशालाओं को ‘सर्वोच्च प्राथमिकता और जल्द से जल्द परीक्षण रिपोर्ट जारी करने’ पर निर्माताओं से ऐसे नमूनों की जांच करने के लिए कहा है, क्योंकि भारत ने 1 जून 2023 से निर्यात अनिवार्य होने से पहले खांसी की दवा का परीक्षण किया था. विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने एक आधिकारिक नोटिस में कहा है कि खांसी की दवाओं के निर्यात को 1 जून 2023 से प्रभावी उत्पाद निर्यात करने से पहले एक सरकारी प्रयोगशाला द्वारा जारी विश्लेषण का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा.
भारतीय औषधि फर्मों द्वारा निर्यात किए जाने वाले खांसी के सिरप पर विदेशों में गुणवत्ता संबंधी चिंताएं जताए जाने के बीच यह बड़ा फैसला आया है.