RBI ने बढाया रेपो रेट, एक क्लिक में जानें इसका मतलब और कैसे सीधे आप पर होगा असर
मॉनेटिरी पॉलिसी के 6 में से 4 सदस्य रेपो रेट बढ़ाने के पक्ष में रहे. रेपो रेट में बढ़ोतरी का असर लोन पर पड़ेगा. होम, कार और पर्सनल लोन की EMI पर इसका असर पड़ सकता है.
RBI Increases Repo Rate: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को रेपो दर को 35 आधार अंकों 25 बेसिक पॉइंट्स बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया. रेपो रेट, जिसे पॉलिसी रेट भी कहा जाता है, वह ब्याज है जिस पर आरबीआई कमर्शियल बैंकों को पैसा उधार देता है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने दरों में बढ़ोतरी की घोषणा की. इससे आने वाले दिनों में लोन महंगा हो सकता है.
बता दें कि मॉनेटिरी पॉलिसी के 6 में से 4 सदस्य रेपो रेट बढ़ाने के पक्ष में रहे. रेपो रेट में बढ़ोतरी का असर लोन पर पड़ेगा. होम, कार और पर्सनललोन की EMI पर इसका असर पड़ सकता है.
क्या है रेपो रेट
आसान शब्दों में समझें तो रेपो रेट का मतलब है रिजर्व बैंक द्वारा अन्य बैकों को दिए जाने वाले कर्ज की दर. बैंक इस चार्ज से अपने ग्राहकों को लोन प्रदान करता है. जिस तरह लोग अपनी जरूरतों के लिए बैंकों से पैसा लेकर ब्याज चुकाते हैं. उसी तरह सभी बैंक, आरबीआई (RBI) से लोन लेते हैं. आरबीआई जिस दर पर बैंकों को कर्ज देता है, उसे ही रेपो रेट (Repo Rate) कहा जाता है.
आम आदमी पर असर
जब बैंकों को रिजर्व बैंक से कर्ज ज्यादा ब्याज दर पर मिलता है, यानी जब रेपो रेट बढ़ता है तो आम आदमी के लिए भी होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन महंगा हो जाता है. वहीं जब रेपो रेट में कटौती होती है, तो आम लोगों को राहत मिलती है.