EPFO Interest Rules: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा वित्त वर्ष 2019-20 के लिए करीब छह करोड़ अंशधारकों के ईपीएफ (कर्मचारी भविष्य निधि) खातों में एकमुश्त 8.5 प्रतिशत ब्याज डालने का काम शुरू किया जा चुका है. इससे पहले हम आपको कुछ ऐसी स्थितियों के बारे में बताने जा रहे है, जब आपके ईपीएफ खाते पर ब्याज मिलना बंद हो जाता है. एक बार जब ईपीएफ खाता निष्क्रिय (Inoperative) हो जाता है, तो उस तिथि से आगे कोई ब्याज नहीं दिया जाता है. EPFO Benefits: आपके लिए पीएफ क्यों है जरूरी? जानिए वो 5 फायदें जो कहीं और मिलना मुश्किल
ईएफपीओ के नियमों के अनुसार इन स्थितियों में पीएफ पर ब्याज मिलना बंद हो जाता है-
- जब कोई कर्मचारी 55 साल के बाद सेवा से रिटायर हो जाता है
-अगर सब्सक्राइबर विदेश में स्थायी रूप से शिफ्ट हो जाता है
-अगर सब्सक्राइबर की मौत हो जाती है
-यदि रोजगार के समाप्ति पर राशि देय होने पर 36 महीने के लिए निपटान का कोई दावा नहीं किया जाता है (यानी ग्राहक नौकरी छोड़ने के 36 महीनों के भीतर अपनी पीएफ राशि को वापस लेने के लिए आवेदन नहीं करता है)
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस महामारी के बीच सितंबर महीने में केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार की अगुवाई में हुई न्यासियों की बैठक में ईपीएफओ ने ब्याज को 8.15 प्रतिशत और 0.35 प्रतिशत की दो किस्तों में डालने का फैसला किया था. श्रम मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को 2019-20 के लिए ईपीएफ में एक बार में 8.5 प्रतिशत का ब्याज डालने का प्रस्ताव भेजा था.