क्या 2 हजार रुपये से ऊपर के UPI ट्रांजैक्शन पर लगेगा GST? जानिए सच्चाई
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हाल ही में मीडिया में यह खबर तेज़ी से फैली कि सरकार 2,000 रुपये से ऊपर की UPI लेनदेन पर GST लगाने की योजना बना रही है. इस खबर ने डिजिटल पेमेंट करने वालों के बीच चिंता का माहौल खड़ा कर दिया. लेकिन वित्त मंत्रालय ने इस तरह की सभी खबरों को झूठा और भ्रामक करार दिया है. वित्त मंत्रालय ने 18 अप्रैल को साफ-साफ कहा कि 2,000 रुपये से अधिक की UPI ट्रांजैक्शन पर GST लगाने का कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है. उन्होंने बताया कि यह खबर न सिर्फ निराधार है बल्कि जनता को गुमराह करने वाली भी है.

क्या है अफवाह की असली कहानी?

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि सरकार डिजिटल लेन-देन को औपचारिक अर्थव्यवस्था में लाने और टैक्स कंप्लायंस बढ़ाने के लिए 2,000 रुपये से अधिक की UPI ट्रांजैक्शन पर 18% GST लगाने पर विचार कर रही है. रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया कि इससे भारत की "फ्री और आसान" UPI सेवा पर बड़ा असर पड़ सकता है.

MDR नहीं, तो GST भी नहीं

दरअसल, GST केवल तभी लागू होता है जब किसी सेवा पर शुल्क यानी Merchant Discount Rate (MDR) लिया जाता है. लेकिन जनवरी 2020 से ही सरकार ने UPI पर MDR हटा दिया है. ऐसे में जब कोई शुल्क नहीं है, तो GST का सवाल ही नहीं उठता.

सरकार कर रही है UPI को बढ़ावा

UPI को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार 2021-22 से इंसेंटिव स्कीम चला रही है, जिससे छोटे व्यापारियों को डिजिटल पेमेंट के लिए प्रेरित किया जा सके. इस स्कीम के तहत सरकार ने अब तक करोड़ों रुपये की राशि जारी की है:

  • FY 2021-22: 1,389 करोड़ रुपये
  • FY 2022-23: 2,210 करोड़ रुपये
  • FY 2023-24: 3,631 करोड़ रुपये

यह कदम UPI को लोकप्रिय और सुलभ बनाने के उद्देश्य से उठाए गए हैं.

भारत बना दुनिया का डिजिटल पेमेंट लीडर

ACI Worldwide की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में दुनिया के कुल रियल-टाइम डिजिटल ट्रांजैक्शन में भारत की हिस्सेदारी 49% रही. यानी हर दूसरा डिजिटल पेमेंट भारत में हुआ. FY 2019-20 में जहां कुल UPI ट्रांजैक्शन ₹21.3 लाख करोड़ थे, वहीं मार्च 2025 तक यह आंकड़ा ₹260.56 लाख करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है.

2 हजार से ऊपर की UPI ट्रांजैक्शन पर GST लगाने की खबरें पूरी तरह से गलत हैं. सरकार न सिर्फ UPI को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, बल्कि इसे और भी अधिक आसान और सुलभ बनाने में जुटी हुई है. ऐसे में डिजिटल पेमेंट करने वाले उपभोक्ताओं को चिंता करने की ज़रूरत नहीं है. UPI फिलहाल पूरी तरह से टैक्स-फ्री और सुरक्षित है!