GST रिटर्न ऐसे करें फाइल, जानिए किसे लगेगा कौन सा फॉर्म

जीएसटी रिर्टन फाइल जमा करते हुए इस बात का भी ध्यान रखना होगा

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जीसएटी यानि गुड्स एंड सर्विस टैक्स (वस्तु एवं सेवा कर) लागू होने के बाद से पूरे देश में हंगामा मचा हुआ है. कई लोगों के मन में जीएसटी को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि कैसे इसे भरा जाता है. लेकिन जीएसटी रिर्टन फाइल जमा करते हुए इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि आपका व्यपार किस वर्ग में आता है क्योंकि जीएसटी रिटर्न के फॉर्म ट्रेडर, रिटेलर, होलसेलर और सप्लायर के लिए अलग-अलग हैं. बता दें कि अब सप्लायर के इन्वायस और टैक्स अदायगी के बीच मिलान जरूरी होगा. उसके बाद ही उन्हें इनपुट टैक्स क्रेडिट उपलब्ध मिल पाएगा.

जीएसटीआर-1: हर महीने की 10 तारीख व्यापारी को पिछले महीने के हर रिकॉर्ड को जीएसटी पोर्टल पर देना होगा. जिसमें दुसरे स्टेट में की गई सप्लाई की पूरी जानकारी देनी होती है. वहीं अगर कंज्यूमर को की गई सप्लाई पर टैक्स 2.5 लाख रुपए से अधिक बनता है और सप्लाई अन्य राज्य में की गई है तो आपको हर इन्वायस की डिटेल्स देनी होती है.

जीएसटीआर-2: इस फॉर्म में आपको सारी खरीदारियों का ब्योरा देना होता है. इसमें ट्रेडर और दुकानदार को पिछले महीने सप्‍लायर से खरीदे गए माल की जानकारी देनी होगी. हर महीनें की 15 तारीख को यह फॉर्म भरना होगा.

जीएसटीआर-3: यह फॉर्म आपके अकाउंट में 20 तारीख को अपने आप दिखने लगेगा. इस फॉर्म को ट्रेडर, दुकानदार, होलसेलर, रिटलेर को भरना होगा. इसमें 20 लाख से कम टर्नओवर वाले कारोबारियों को रिवर्स चार्ज की जानकारी देनी होगी.

जीएसटीआर-4: इस फॉर्म में संरचना करदाता को पिछली तिमाही के दौरान की गई सारी बिक्रियों (जावक पूर्ति ) का ब्योरा देना होता है. इसमें मासिक 20 लाख रुपए से ज्यादा की आय होने पर कारोबारी को पूरे क्वार्टर का रिटर्न भरना होगा. हर तिमाही के बाद उसके आगे वाले महीने की 18 तारीख तक इसे जमा कर देना होता है.

जीएसटीआर-5: नॉन-रेजिडेंट (एनआरआई) जो भारत में व्यपार करता है उसे यह फॉर्म भरना होता है. जिसमें उसे महीने भर की बिक्री, कुल आयात, चुकाया गया कर, कुल वापस पाने लायक टैक्स और माल बचे हुए स्टॉक की जानकारी देना पड़ती है. इसे हर महीने की 20 तारीख को भरा जाना है.

जीएसटीआर-6: यह फॉर्म महीने के 13 तारीख तक भरना अनिवार्य होता है. इस फॉर्म को इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर भरेंगे. जिसमें सर्विस देने वाले व्यक्ति को पूरी जानकारी GST पोर्टल पर अपलोड करनी होगी.

जीएसटीआर-7: कारोबारी के महीने के दौरान जो भी टैक्स डिडक्शन किए जाते हैं, उसकी पूरी जानकारी इस फॉर्म में होती है. यह ट्रेडर या कारोबारी को हर महीने की 10 तारीख को भरना होता है.

जीएसटीआर-8: अगर आप ई कॉमर्स सेलर हैं तो आपको अपनी सारी सप्लाई का ब्योरा फॉर्म जीएसटीआर-8 में भरकर जमा करना होता है. यह फॉर्म महीने के 10 तारीख भरा जाना है.

जीएसटीआर-9: इस फॉर्म को उस व्यपारी को भरना पड़ेगा जो टैक्सेबल लिमिट के दायरे में आता है.

GST रिटर्न भरने का ऑफलाइन टूल

इस लिंक https://www.gst.gov.in/download/returns पर क्लिक करके कारोबारी और ट्रेडर्स जीएसटीआर रिटर्न के फॉर्म और ऑफलाइन टूल डाउनलोड कर सकते हैं. ये सॉफ्टवेयर टूल ऐक्सल फॉरमेट और जावा स्क्रिप्ट में है. बता दें यह एक तरह की जिप फाइल है जिसमें रिटर्न फॉर्मेट से लेकर इन्वॉयस की ऐक्सल शीट भी है.

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