AC Prices May Increase: देश में अचानक बढ़ी AC की डिमांड, भीषण गर्मी के बीच जल्द कीमत में हो सकता है इजाफा

देश के कई हिस्सों में पड़ रही भीषण गर्मी के कारण AC की मांग में भारी उछाल आई है, जिससे बाजार में कमी आने की संभावना है.

(Photo : X)

भारत में गर्मी का मौसम आते ही AC की मांग में तेजी आती है, जिससे इसकी कीमतें भी बढ़ जाती हैं. इस साल भी यही स्थिति देखने को मिल रही है.  इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक देश के कई हिस्सों में पड़ रही भीषण गर्मी के कारण AC की मांग में भारी उछाल आई है, जिससे बाजार में कमी आने की संभावना है.

बड़े AC निर्माता जैसे वोल्टास, डायकिन, और ब्लू स्टार ने बताया है कि पिछले छह हफ़्तों से चरम तापमान के चलते AC की मांग में बेतहाशा बढ़ोत्तरी हुई है, जिससे उत्पादों और मॉडलों की कमी पैदा हो गई है. गर्मी बढ़ने के साथ ही, विशेषकर उत्तरी क्षेत्रों में AC की बिक्री में तेज़ी आई है, जिससे कमी और बढ़ गई है.

इंडस्ट्री के अधिकारियों ने बिक्री में गिरावट का अनुमान लगाया है, करीब 400,000 से 500,000 यूनिट की कमी का अनुमान लगाया जा रहा है, जिससे लगभग 1,200-1,500 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है. मार्च के अंत से दक्षिणी और पूर्वी भारत में भीषण गर्मी और पश्चिमी भारत में सामान्य से अधिक तापमान ने इस साल AC की बिक्री को रिकॉर्ड स्तर तक पहुँचा दिया है.

इस अप्रत्याशित वृद्धि ने उद्योग को चौंका दिया है, और उत्पादन योजनाएँ इस बढ़ती मांग को पूरा करने में नाकाम रही हैं.

निर्माताओं को कंपोनेंट्स की खरीद के लिए लंबे समय (करीब दो महीने) के लीड टाइम के कारण आपूर्ति बढ़ाने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा, AC और महत्वपूर्ण घटकों के आयात पर लगे प्रतिबंध भी आपूर्ति बढ़ाने की क्षमता को कम कर रहे हैं.

डायकिन इंडिया के प्रबंध निदेशक, केजे जावा ने कहा कि, "टाइट स्टॉक उपलब्धता के कारण स्थिति 'हाथ में मुट्ठी' जैसी है." वोल्टास के प्रबंध निदेशक, प्रदीप बक्शी ने बताया कि अगर स्टॉक को अच्छी तरह से फिर से भरा जाता तो उद्योग कम से कम 20% बिक्री बढ़ोतरी को सँभाल सकता था.

सरकार द्वारा गैस भरे AC के आयात पर लगे प्रतिबंधों ने निर्माताओं के सामने और भी चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं. बिना गैस भरे AC का आयात करना गैस चार्जिंग के अतिरिक्त खर्च के साथ आता है, जो कंपनियों के लिए कमियों को पूरा करने के लिए आर्थिक रूप से अनुपयुक्त है. इसके अलावा, भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने AC में इस्तेमाल होने वाले तांबे के उत्पादों पर गुणवत्ता नियंत्रण नियम लागू किए हैं, जिससे BIS-प्रमाणित कारखानों से ही सोर्सिंग संभव है. यह एक चुनौती है क्योंकि BIS चीन में कारखानों को प्रमाणित नहीं कर रहा है, जिससे AC उत्पादन के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण घटकों की उपलब्धता प्रभावित हो रही है.

ब्लू स्टार के प्रबंध निदेशक, बी तियागरजन ने बताया कि अप्रैल में AC की बिक्री में 70% से 90% की बढ़ोतरी हुई है, जिससे कई क्षेत्रों में कमी आ गई है. हालांकि बिक्री अप्रैल में चरम पर हो सकती है, लेकिन उद्योग को अप्रैल-जून तिमाही में 30-40% की वृद्धि होने की उम्मीद है.

विजय सेल्स के निदेशक, निलेश गुप्ता ने कहा कि निर्माताओं को विशिष्ट मॉडलों की कमी का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन गर्मी के मौसम में उपभोक्ता मांग सभी ब्रांडों की बिक्री को बढ़ावा दे रही है.

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 16 मई से उत्तर पश्चिम भारत में एक नए गर्मी के लहर के शुरू होने का अनुमान लगाया है, जिसमें राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और बिहार जैसे राज्य शामिल हैं.

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