Rajasthan: राजस्थान में 46 विधायकों पर आपराधिक केस, कांग्रेस के 88 MLA सहित 157 करोड़पति
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नई दिल्ली, 20 अक्टूबर: राजस्थान में विश्लेषण किए गए 199 विधायकों में से 46 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं, जबकि 28 के खिलाफ गंभीर मामले हैं. शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सत्तारूढ़ कांग्रेस के 88 विधायकों समेत 157 करोड़पति हैं.

रिपोर्ट एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और राजस्थान इलेक्शन वॉच द्वारा तैयार की गई है. जिसमें 200 मौजूदा विधायकों में से 199 के आपराधिक, वित्तीय और अन्य पृष्ठभूमि विवरण का विश्लेषण किया गया है. मौजूदा विधानसभा में उदयपुर संसदीय क्षेत्र की एक सीट रिक्त है.

यह विश्लेषण 2018 के विधानसभा चुनाव और उसके बाद हुए उप-चुनावों से पहले उम्मीदवारों द्वारा प्रस्तुत किए गए हलफनामों पर आधारित है.

रिपोर्ट के अनुसार, विश्लेषण किए गए 199 मौजूदा विधायकों में से 46 (23 प्रतिशत) मौजूदा विधायकों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जबकि 28 (14 प्रतिशत) मौजूदा विधायकों ने गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं.

एक मौजूदा विधायक ने हत्या (आईपीसी धारा 302) से संबंधित मामलों की घोषणा की है, जबकि चार मौजूदा विधायकों ने हत्या के प्रयास (आईपीसी धारा 307) से संबंधित मामलों की घोषणा की है.

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कांग्रेस के 108 विधायकों में से 27 (25 फीसदी), बीजेपी के 69 विधायकों में से 11 (16 फीसदी), सीपीआई (एम) के दो में से दो विधायकों और 14 निर्दलीय विधायकों में से 6 (43 प्रतिशत) ने अपने हलफनामों में अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं.

कांग्रेस के 108 विधायकों में से 18 (17 प्रतिशत), भाजपा के 69 विधायकों में से 6 (9 प्रतिशत) और 14 निर्दलीय विधायकों में से 4 (29 प्रतिशत) ने अपने हलफनामे में अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, विश्लेषण किए गए 199 मौजूदा विधायकों में से 157 (79 प्रतिशत) करोड़पति हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि कांग्रेस के 108 में से 88 (81 फीसदी) विधायक, बीजेपी के 69 में से 54 (78 फीसदी) विधायक, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के तीन में से दो (67 प्रतिशत) विधायक, रालोद के 1 विधायक में से 1 और 14 निर्दलीय विधायकों में से 12 (86 प्रतिशत) ने एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति घोषित की है.

इसमें आगे कहा गया कि प्रति मौजूदा विधायक की संपत्ति का औसत 7.49 करोड़ रुपये है. विश्लेषण किए गए 108 कांग्रेस विधायकों की प्रति विधायक औसत संपत्ति 9.28 करोड़, 69 बीजेपी विधायकों की प्रति विधायक औसत संपत्ति 5.45 करोड़, रालोद के एक विधायक की 2.55 करोड़, भारतीय ट्राइबल पार्टी के दो विधायकों की 7.66 लाख, दो सीपीआई (एम) विधायकों की 24.24 लाख, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के तीन विधायकों की औसत संपत्ति 1.19 करोड़ रुपये और 14 निर्दलीय विधायकों की औसत संपत्ति 7.54 करोड़ रुपये है.

इस बीच, कांग्रेस के धोद एससी विधानसभा विधायक परसराम मोर्डिया ने 172.76 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की है, जबकि चोरासी (एसटी) सीट से भारतीय ट्राइबल पार्टी के विधायक राजकुमार रोत के पास सबसे कम 1.22 लाख रुपये की संपत्ति है.

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 39 विधायकों ने 1 करोड़ रुपये की देनदारी घोषित की है, भाजपा के गोपाल लाल शर्मा, जो मांडलगढ़ से विधायक हैं, उन पर 34 करोड़ रुपये की देनदारी है.

वहीं 59 (30 प्रतिशत) विधायकों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता पांचवीं और 12वीं कक्षा के बीच घोषित की है, जबकि 128 (64 प्रतिशत) विधायकों ने स्नातक या उससे ऊपर की शैक्षणिक योग्यता घोषित की है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि पांच विधायक डिप्लोमा धारक हैं, सात विधायकों ने खुद को सिर्फ साक्षर घोषित किया है.

इसमें आगे कहा गया है कि 80 (40 फीसदी) विधायकों ने अपनी उम्र 25 से 50 साल के बीच घोषित की है, जबकि 119 (60 फीसदी) विधायकों ने अपनी उम्र 51 से 85 साल के बीच घोषित की है.

इसमें यह भी कहा गया कि विश्लेषण किए गए 199 विधायकों में से 27 (14 प्रतिशत) विधायक महिलाएं हैं. 200 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतदान 25 नवंबर को पुनर्निर्धारित किया गया है और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी.