7th Pay Commission: कोरोना संकट से सरकारी कर्मचारियों को हुआ बड़ा नुकसान, सैलरी में होने वाली बढ़ोतरी टली
रुपया (Photo Credits: PTI)

7th Pay Commission: कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के कहर का साया देश के हर तबके पर पड़ रही है. जानलेवा वायरस से निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकार हरसंभव कदम उठा रहे है. जबकि लॉकडाउन के कारण सरकार के सभी आय स्रोत ठप पड़ गए है, जिससे प्रशासन को कई आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. जिसकों देखते हुए लाखों सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में कटौती भी की जा रही है. इसी क्रम में मध्य प्रदेश की सरकार ने अपने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) में बढ़ोत्तरी के आदेश पर रोक लगा दी है.

कोविड-19 (COVID-19) को फैलने से रोकने के लिए जारी लड़ाई के बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA) में की गई बढ़ोतरी को अगले आदेश तक रोक दिया है. बीते 16 मार्च को तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व वाली सूबे की सरकार ने डीए को बढाया था. इसके तहत शासकीय सेवकों एवं स्थायी कर्मियों के महंगाई भत्ते में एक जुलाई 2019 से सातवें वेतनमान में 5 प्रतिशत की वृद्धि कर 17 प्रतिशत करने का आदेश दिया गया था. 7th Pay Commission: मोदी सरकार द्वारा DA में किए गए इजाफे के बाद अब केंद्रीय कर्मचारियों को दी एक और बड़ी राहत

जबकि, छठवें वेतनमान में 10 प्रतिशत की वृद्धि कर 164 प्रतिशत करने का आदेश दिया था. इस महंगाई भत्ते का नगद भुगतान मार्च की सैलरी से किया जाने वाला था. हालांकि अब मध्य प्रदेश सरकार ने एक अप्रैल को नया आदेश जारी कर डीए में बढ़ोतरी के क्रियान्वयन को अगले आदेश तक टाल दिया है. जिससे सरकारी कर्मचारियों में निराशा सी छा गई है.

उल्लेखनीय है कि खतरनाक कोरोना वायरस और लॉकडाउन से उभरे आर्थिक संकट के मद्देनजर मोदी सरकार ने सांसदों की सैलरी में कटौती का फैसला लिया है. साथ ही सांसद निधि को अगले दो साल के लिए रोक दिया है. इसी तर्ज पर उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, तेलंगाना और उत्तराखंड समेत देश के अधिकतर राज्यों ने ना केवल विधायकों की सैलरी में कटोती करने का ऐलान किया है बल्कि सरकारी कर्मचारियों के वेतन में भी कटौती की है.