7th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों की इस मांग पर कल मुहर लगने की उम्मीद, पीएम मोदी कर सकते हैं बड़ा फैसला!
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत सैलरी व पेंशन पाने वाले केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों (Pensioners) के लिए कल यानी 15 सितंबर का दिन महत्वपूर्ण है. दरअसल बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक होने वाली है. केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को उम्मीद है कि पीएम मोदी उनकी डीए (Dearness Allowance) और डीआर (Dearness Relief) से संबंधित मांग पर अवश्य ही निर्णय लेंगे.
7th CPC Latest News: सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत सैलरी व पेंशन पाने वाले केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों (Pensioners) के लिए कल यानी 15 सितंबर का दिन महत्वपूर्ण है. दरअसल बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक होने वाली है. केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को उम्मीद है कि पीएम मोदी उनकी डीए (Dearness Allowance) और डीआर (Dearness Relief) से संबंधित मांग पर अवश्य ही निर्णय लेंगे. फ़िलहाल केंद्र सरकार की तरफ से इस संबंध में कुछ नहीं कहा गया है. 7th Pay Commission: सरकारी कमर्चारियों के लिए जरुरी खबर! अभी जान लें पेंशन से जुड़े ये 4 नियम
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्रीय कर्मचारियों को 18 महीने का रूका हुआ महंगाई भत्ता और पेंशनभोगियों को महंगाई राहत मिल सकता है. हाल ही में यह मुद्दा प्रधानमंत्री मोदी के समक्ष उठाया गया और जल्द से जल्द कर्मचारियों के पक्ष में फैसला लेने की अपील की गयी. अगर कल एरियर भुगतान वाली मांग पर मुहर लगती है तो सभी केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगियों को बड़ी राहत मिलेगी.
पीएम मोदी से तत्काल एक्शन लेने की अपील
भारतीय पेंशनभोगी मंच (BMS) ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) का बकाया (एरियर) जल्द से जल्द जारी करने की मांग की है. मंच ने इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप का आग्रह किया है.
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में बीएमएस ने कहा ‘‘आपसे इस मामले में हस्तक्षेप का आग्रह किया जाता है. आप वित्त मंत्रालय को एक जनवरी, 2020 से 30 जून, 2021 की अवधि के लिए रोके गए डीए/डीआर को जल्द जारी करने का निर्देश दें. इस बारे में तत्काल कार्रवाई पर हम अत्यंत आभारी रहेंगे.’’ पत्र में कहा गया है कि डीए/डीआर पर रोक की अवधि के दौरान खुदरा मुद्रास्फीति बढ़ी है और साथ ही वाहन ईंधन, खाद्य तेल और दलहन के दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचे हैं. मंच ने कहा कि डीए/डीआर के भुगतान का उद्देश्य कर्मचारियों तथा पेंशनभोगियों की जीवनयापन की लागत में बढ़ोतरी की भरपाई करना होता है.
अब जबकि यह लागत बढ़ चुकी है कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को इसका भुगतान नहीं करना अनुचित होगा. पत्र में कहा गया है कि ज्यादातर पेंशनभोगी बड़ी उम्र के लोग हैं. ऐसे में उन्हें चिकित्सा के लिए पैसे की जरूरत होती है. साथ ही कोविड-19 संकट की वजह से जयादातर जिंसों के दाम कई गुना बढ़ चुके हैं. ज्यादातर पेंशनभोगियों की आय इतनी होती है कि वे सिर्फ अपना पेट भर सकते हैं. मंच ने कहा, ‘‘इस बात में शक नहीं है कि देश वित्तीय संकट से जूझ रहा है. ज्यादातर पेंशनभोगियों ने प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और आपात राहत कोष (पीएम-केयर्स) में एक दिन की पेंशन का योगदान दिया है.’’
डीए-डीआर बढ़ा, लेकिन एरियर पर सस्पेंस बरकरार
उल्लेखनीय है कि पिछले साल अप्रैल में वित्त मंत्रालय ने कोविड-19 महामारी की वजह से डीए में बढ़ोतरी को 30 जून, 2021 तक रोक दिया था. हालांकि इस साल जुलाई में सरकार ने एक जुलाई 2021 से डीए और डीआर को बढ़ाकर 28 प्रतिशत कर दिया है. लेकिन एक जनवरी 2020 से 30 जून 2021 तक डीए की दर 17 प्रतिशत रखते हुए एरियर देने से मना कर दिया. केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की मांग के बावजूद सरकार ने अब तक डीए और डीआर का कोई बकाया जारी नहीं किया. जिस वजह से केंद्र सरकार के 48 लाख कर्मचारियों तथा 65 लाख पेंशनभोगियों को आर्थिक तौर पर नुकसान हो रहा है.