7th Pay Commission: मोदी सरकार ने बदल दिया है नियम, अब इस पेंशन का मिलता है ढाई गुना ज्यादा फायदा

बीते कुछ समय में केंद्र सरकार ने फैमिली पेंशन के नियमों में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए है. जिसका सीधे तौर पर फायदा केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चों को उनकी मृत्यु के बाद मिलता है. 7वें वेतन आयोग के तहत नए नियमों के अनुसार, पारिवारिक पेंशन भुगतान की सीमा अब 45 हजार रुपये नहीं बल्कि 1.25 लाख रुपये प्रति माह हो गई है.

रुपया (Photo Credits: PTI)

7th Pay Commission Latest News: बीते कुछ समय में केंद्र सरकार (Central Government Employees) ने फैमिली पेंशन के नियमों (Family Pension Rules) में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए है. जिसका सीधे तौर पर फायदा केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चों को उनकी मृत्यु के बाद मिलता है. 7वें वेतन आयोग के तहत नए नियमों के अनुसार, पारिवारिक पेंशन भुगतान की सीमा अब 45 हजार रुपये नहीं बल्कि 1.25 लाख रुपये प्रति माह हो गई है. 7th Pay Commission: यहां रिटायर्ड सरकारी कर्मचारियों की पूरी हुई डिमांड, पेंशन में होगा बड़ा इजाफा, सरकार ने दी हरी झंडी

पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्‍याण विभाग (डीओपीपीडब्‍ल्‍यू) ने उस राशि के मामले में स्‍पष्‍टीकरण जारी किया है, जिसमें अपने माता या‍ पिता की मृत्‍यु हो जाने पर कोई बच्‍चा फैमिली पेंशन की दो किस्‍तें निकालने का हकदार होता है. इसके तहत अब ऐसी दो किस्‍तों की कुल राशि 1.25 लाख रुपये से ज्‍यादा नहीं हो सकती. यह पिछली सीमा से ढाई गुना अधिक की वृद्धि है.

केन्‍द्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियमन 1972 के अनुसार, यदि पति व पत्‍नी दोनों ही सरकारी सेवा में हैं और इस नियम के तहत आते हैं, तो उनकी मौत की स्थिति में उनका जीवित बच्‍चा अपने माता-पिता की दो फैमिली पेंशन पाने के योग्‍य होगा. केंद्र सरकार के इस कदम से दिवंगत हो चुके सरकारी कर्मचारियों के परिवार के सदस्‍यों का जीवन आसान होगा और उन्‍हें पर्याप्‍त वित्तीय सुरक्षा मिलेगी.

इससे पहले के निर्देशों में तय किया गया था कि ऐसे मामलों में दो फैमिली पेंशन की कुल राशि 45,000 रुपये प्रतिमाह और 27,000 रुपये प्रतिमाह, यानी क्रमश: 50 प्रतिशत और 30 प्रतिशत की दर से अधिक नहीं होगी. यह दर छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप 90,000 रुपये के अधिकतम वेतन के संदर्भ में तय की गयी थी.

सरकारी कर्मचारियों के हित में केंद्र ने हाल ही में एक और आदेश जारी किया था जिसके अंतर्गत यह फैसला किया गया कि यदि किसी सरकारी कर्मचारी की 7 वर्ष की सेवा पूर्ण होने से पहले ही सेवा के दौरान मृत्यु हो जाती है तब भी कर्मचारी के परिवार को उसके आखिरी भुगतान के 50% राशि पेंशन के तौर पर निर्धारित की जाएगी. यानी सात वर्ष की न्यूनतम सेवा की आवश्यक शर्त को खत्म कर दिया गया. जिस वजह से आश्रित को सरकारी कर्मचारी के आखिरी भुगतान के 50% पेंशन का अधिकार प्राप्त हुआ.

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