रेल यात्रियों के लिए राहत की खबर, रेलवे ने सरकार को दिया 'फ्लेक्सी फेयर' खत्म करने का प्रस्ताव
भारतीय रेल (Photo Credit-PTI)

नई दिल्ली: दुरंतो, शताब्दी और राजधानी एक्सप्रेस जैसी सुपरफास्ट ट्रेनों की महंगी टिकट खरीदकर यात्रा करने वाले रेल यात्रियों के लिए राहत की खबर है. दरअसल, भारतीय रेलवे ने सरकार को 'फ्लेक्सी फेयर' खत्म करने का प्रस्ताव दिया है. जिसके बाद यह उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार जल्द ही फ्लेक्सी फेयर के तहत राजधानी, दुरंतो और शताब्दी एक्सप्रेस की महंगी टिकट की मार झेल रहे रेल यात्रियों को थोड़ी राहत पहुंचा सकती है. खबर है कि भारतीय रेलवे ने यह प्रस्ताव उन ट्रेनों के लिए रखा है जिनमें एक साल में तकरीबन 50 फीसदी सीटें खाली रहती हैं.

दरअसल, भारतीय रेलवे द्वारा लागू किया गया फ्लेक्सी फेयर सिस्टम पूरी तरह से टिकटों की मांग और उनकी आपूर्ति पर निर्भर होता है. इस सिस्टम के अंतर्गत जिस समय रेल टिकटों की मांग ज्यादा होती है उस समय उनकी कीमतों में इजाफा कर दिया जाता है. ऐसा आमतौर पर त्योहारों और छुट्टियों के सीजन में ही होता है, जबकि टिकटों की मांग कम होने पर कीमतें सामान्य कर दी जाती हैं.

मांग के आधार पर बढ़ जाता है किराया 

फ्लेक्सी फेयर सिस्टम के तहत रेल यात्रियों की बढ़ती मांग के हिसाब से टिकटों की कीमतें बढ़ा दी जाती हैं और यह इजाफा अधिकतम 50 फीसदी तक होता है. हालांकि ट्रेन के फर्स्ट एसी और एग्जिक्यूटिव कैटेगरी की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया जाता है. इस सिस्टम के अंतर्गत शुरुआत में पहली 10 फीसदी सीटों के लिए सामान्य किराया लागू होता है, इसके बाद हर 10 फीसदी सीटों की बुकिंग के बाद किराए में 10 फीसदी की बढ़ोत्तरी कर दी जाती है.

उधर, सेकेंड एसी और चेयर कार के लिए खरीदे जाने वाले टिकटों में भी 50 फीसदी तक किराए में इजाफा किया जाता है, जबकि थ्री टायर एसी के टिकट 40 फीसदी तक महंगे हो जाते हैं. हालांकि बुकिंग के दौरान लगने वाले दूसरे चार्जेस जैसे- रिजर्वेशन शुल्क, सुपरफास्ट शुल्क, कैटरिंग शुल्क और सर्विस टैक्स में कोई बदलाव नहीं किया जाता है. यह भी पढ़ें: भारतीय रेल को मिला सबसे तेज रफ्तार वाला एयरो डायनेमिक इंजन, खूबी जानकार हैरान रह जाएंगे आप

9 सितंबर 2016 को लागू हुई थी यह स्कीम 

बता दें कि फ्लेक्सी फेयर स्कीम को 9 सितंबर, 2016 को लागू किया गया था. इस स्कीम में प्रीमियम सुपरफास्ट कैटेगरी की 44 राजधानी, 46 शताब्दी और 52 दुरंतो ट्रेनों को शामिल किया गया था. एक तरफ जहां रेलवे ने सरकार को दिया फ्लेक्सी फेयर खत्म करने का प्रस्ताव दिया है तो वहीं दूसरी तरफ भारतीय रेल ने आगामी वित्त वर्ष 2019 के लिए ग्रॉस बजट्री सपोर्ट (जीबीएस) के रूप में अलग से 18,000 करोड़ रुपए की मांग की है.