Indian Railways: वरिष्ठ नागरिकों को झटका! रेल मंत्री ने सीनियर सिटीजन कंसेशन शुरू करने को लेकर यह बात कही

रेल यात्रियों के लिए जरुरी खबर है. भारतीय रेलवे (Indian Railways) अभी वरिष्ठ नागरिकों (Senior Citizen Concession) के साथ ही अन्य रेल यात्रियों को भी टिकट किराए में कोई रियायत नहीं देगी. यह जानकारी खुद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnav) ने एक दिन पहले संसद में दी है.

भारतीय रेल (Photo Credits: Twitter)

नई दिल्ली: रेल यात्रियों के लिए जरुरी खबर है. भारतीय रेलवे (Indian Railways) अभी वरिष्ठ नागरिकों (Senior Citizen Concession) के साथ ही अन्य रेल यात्रियों को भी टिकट किराए में कोई रियायत नहीं देगी. यह जानकारी खुद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnav) ने एक दिन पहले संसद में दी है. Indian Railways: वरिष्ठ नागरिकों को कब नहीं मिलता कन्फर्म लोअर बर्थ? जानिए रेलवे का नियम

केंद्रीय रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद के चल रहे शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा है कि कोविड-19 महामारी और प्रोटोकॉल के मद्देनजर सभी श्रेणियों में कुछ यात्रियों के लिए किराए में रियायत (Concession) अभी फिर से शुरू नहीं होगी.

कोरोना वायरस महामारी और कोविड-19 प्रोटोकॉल को देखते हुए 20 मार्च 2020 से सभी श्रेणी के यात्रियों (दिव्यांगजन की 4 श्रेणियों, रोगियों व छात्रों की 11 श्रेणियों को छोड़कर) को दी जाने वाली रियायत वापस ले ली गई है.

इससे पहले रेलमंत्री ने बताया था कि मेल और एक्सप्रेस कोविड स्पेशल, हॉलिडे स्पेशल  ट्रेन सेवाओं के रूप में चलने वाली सभी ट्रेनों को नियमित संख्या और किराए तथा वर्गीकरण के साथ बहाल कर दिया गया है. हालांकि उन्होंने कहा कि किसी विशेष मामले को छोडकर ऐसी ट्रेनों में दूसरी श्रेणी का आरक्षण जारी रहेगा.

वरिष्ठ नागरिकों को कितनी छूट मिलती थी?

मार्च 2020 से पहले राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर विभिन्न प्रकार के लोगों को 53 कैटेगरी की रियायतें प्रदान करता था, जिनमें वरिष्ठ नागरिक भी शामिल थे. वरिष्ठ नागरिकों को आरक्षित और अनारक्षित रेलवे टिकटों पर कीमत में रियायत मिलती थी. 60 वर्ष और अधिक उम्र के पुरूष यात्रियों को सभी श्रेणियों में 40 फीसदी और 58 वर्ष और उससे अधिक उम्र के महिला यात्रियों को सभी श्रेणियों में 50 फीसदी की रियायत मिलती थी. यह रियायत राजधानी/शताब्दी/दुरोंतो गाड़ियों में भी दी जाती थी.

रेलवे का कहना है कि कुछ रियायतें कोविड-19 महामारी के दौरान यात्रा करने से हतोत्साहित करने के कदम के रूप में वापस ले ली गई हैं. वर्तमान में, छात्र और कुछ चिकित्सा शर्तों वाले लोग ही रेल किराये में रियायत के लिए पात्र हैं.

रेलवे के किराये में छूट से हो रहा था बड़ा नुकसान

रेलवे की ओर से यात्री किरायों में छूट को कोरोना वायरस महामारी के दौरान निलंबित किए जाने के कारण इन छूट से होने वाला नुकसान 2020-21 के दौरान घटकर 38 करोड़ रुपये हो गया जो इससे पहले के वित्त वर्ष में 2,059 करोड़ रुपये था. इसी महीने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में बताया था कि रेल किरायो में काफी छूट है और इससे आने वाला राजस्व भारतीय रेल की परिचालन लागत से कम है. मंत्री के अनुसार, वित्त वर्ष 2019-20 में किरायों में छूट से होने वाला नुकसान 2,059 करोड़ रुपये था और कोरोना महामारी के दौरान कई तरह की छूट निलंबित किए जाने से पिछले वित्त वर्ष में नुकसान घटकर 38 करोड़ रुपये तक पहुंच गया.

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