नई दिल्ली: सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत और सभी 7 वरिष्ठ सैन्य कमांडर्स मंगलवार को राजधानी दिल्ली स्थित साउथ ब्लॉक में एक खास मीटिंग करने वाले हैं. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इस मीटिंग में सेना का शीर्ष नेतृत्व कैडर समीक्षा तथा दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सेना को हल्का और सार्थक बनाने के लिए जरूरी कदमों समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होगी.
इस मीटिंग को लेकर संकेत मिल रहे हैं कि सेना पुनर्गठन के तौर पर सेना प्रमुख करीब डेढ़ लाख सैनिकों की कटौती कर सकते है. फिलहाल सेना में करीब 12.6 लाख सैन्यकर्मी हैं. रक्षा मंत्रालय पहले ही सेना के लिए विभिन्न सुधारों की घोषणा कर चुका है जिनमें करीब 57,000 अधिकारियों और अन्य कर्मियों की पुनर्तैनाती और संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल शामिल है.
सूत्रों के मुताबिक, सेना प्रमुख चाहते हैं कि रक्षा बजट के बेहतर इस्तेमाल के लिए बेहद जरूरी है कि 12.6 लाख सैनिकों वाली सेना को थोड़ा छोटा किया जाए. क्योंकि अभी रक्षा बजट का करीब 83 प्रतिशत हिस्सा सैनिकों की सैलरी में खर्च हो जाता है और हथियार और दूसरे सैन्य साजों-सामान के लिए थलसेना के पास मात्र 17 प्रतिशत ही रह जाता है. यह भी पढ़ें- आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने कहा-'हम जवानों को यह काम करने से नहीं रोक सकते'
बता दें कि रक्षा बजट का 50 प्रतिशत सीधे रूप से थल सेना को ही मिलता है और बाकि 50 प्रतिशत नौसेना और वायुसेना को दिया जाता है. थल सेना का स्वरुप इन दोनों सेनाओं से मुकाबले काफी बड़ा है. इसी कारण रक्षा बजट का बड़ा हिस्सा थल सैनिकों की सैलरी और बाकी जरूरतों में चला जाता है. इसके बाद बचा हुआ 17 फीसदी भाग ही सुरक्षा उपकरणों और बाकि चीजों के लिए शेष रह जाता है.
सेना प्रमुख और शीर्ष कमांडर इसी कारण सेना में कटौती करना चाहते हैं. सेना प्रमुख का लक्ष्य सेना को हल्का और सार्थक बनाना है.’’ इसी उद्देश्य से सेना प्रमुख मंगलवार को सभी सातों कमांडर्स के साथ उनकी संभावित रिपोर्ट्स की समीक्षा करेंगे. यह भी पढ़ें- आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत बोले- नहीं मिलेगी आजादी, सेना से मत उलझो
हाल ही में सेनाध्यक्ष ने सेना की ‘रिस्ट्रक्चरिंग’ यानि पुर्नगठन के लिए चार स्टडी-ग्रुप का गठन किया था. एक-एक लेफ्टिनेंट जनरल की अध्यक्षता के नेतृत्व वाले ये स्टडी ग्रुप सेना की फील्ड फॉर्मेशन, सेना मुख्यालय, कैडर रिव्यू और जेसीओ रैंक के सैनिकों के काम करने के तरीकों से जुड़े हुए हैं. माना जा रहा है कि जल्द ही ये चारो ग्रुप अपनी रिपोर्ट सेनाध्यक्ष को सौंप देंगे और फिर अक्टूबर के महीने में सेना के आर्मी कमांडर्स कांफ्रेंस में इन सभी रिपोर्टिस पर चर्चा होगी और फिर इन्हें रक्षा मंत्रालय की मंजूरी के लिए भेजा जायेगा.