मुस्लिम देश ईरान ने इमरान खान नहीं बल्कि PM मोदी पर जताया भरोसा, चाबहार बंदरगाह का एक हिस्सा परिचालन हेतु भारत को दिया

भारत ने ईरान में सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चाबहार बंदरगाह के परिचालन का दायित्व संभाल लिया है. सरकार ने सोमवार को यह बात कही. यह पहली बार है कि जब भारत अपने क्षेत्र के बाहर किसी बंदरगाह का परिचालन करेगा.

ईरान के राष्ट्रपति रूहानी (Photo Credits: IANS)

नई दिल्ली: भारत ने ईरान (Iran) में सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चाबहार बंदरगाह (Chabahar Port) के परिचालन का दायित्व संभाल लिया है. सरकार ने सोमवार को यह बात कही. यह पहली बार है कि जब भारत अपने क्षेत्र के बाहर किसी बंदरगाह का परिचालन करेगा.

नौवहन मंत्रालय ने बयान में कहा, "भारत सरकार ने 24 दिसंबर 2018 को आयोजित चाबहार त्रिपक्षीय समझौते की बैठक के दौरान ईरान में शाहिद बेहेश्ती बंदरगाह (चाबहार) के एक हिस्से का परिचालन अपने हाथ में ले लिया है."

इस काम के लिए गठति विशेष प्रयोजन कंपनी (एसपीवी) इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल चाबहार फ्री जोन (आईपीजीसीएफजेड) के कार्यालय का भारत, ईरान और अफगानिस्तान के प्रतिनिधिमंडल ने संयक्त रूप से उद्घाटन किया.

बयान में कहा गया है कि यह कदम भारत की एक लंबी यात्रा की शुरुआत है. भारत से चाबहार बंदगार परियोजना में शामिल होकर एक इतिहास रचा है. भारत चारो तरफ से थल सीमा से घिरे अफगानिस्तान की मदद के लिए क्षेत्रीय सहयोग और संयुक्त प्रयासों का नेतृत्व कर रहा है. यह पहली बार है कि भारत अपनी सीमा के बाहर किसी बंदरगाह का परिचालन करेगा.

इस बंदरगाह के वाणिज्य परिचालान की शुरूआत ब्राजील से 72,458 टन मक्के से लदे एक जहाज के आगमन के साथ हुई. एमवी मैकरास नाम का यह जहाज 30 दिसंबर को रात डेढ बजे बंदरगाह के घाट पर लगा था. यह जहाज साइप्रस में पंजीकृत है. जहाज का माल न्यूमैटिक मशीन से उतारा गया.

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