भारत ने इमरान खान को जमकर लताड़ा, आतंकवाद पर गिनाए पाकिस्तान के 5 बड़े झूठ

आर्थिक तंगी से बेहाल हो चुके पाकिस्तान का एक बार फिर झूठ बेनकाब हुआ है. भारत ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के हाल ही में दिए बयान को नकारते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच संबंधों को सुधारने को लेकर पड़ोसी देश कुछ नहीं कर रहा है.

PM मोदी और इमरान खान (Photo Credits: Twitter)

नई दिल्ली: आर्थिक तंगी से बेहाल हो चुके पाकिस्तान (Imran Khan) का एक बार फिर झूठ बेनकाब हुआ है. भारत ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के हाल ही में दिए बयान को नकारते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच संबंधों को सुधारने को लेकर पड़ोसी देश कुछ नहीं कर रहा है. भारत सरकार ने इमरान खान पर हमला करते हुए कहा कि इस्लामाबाद ने बातचीत के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए है.

टाइम्स ऑफ इंडिया के रिपोर्ट के अनुसार भारत ने पाकिस्तान को आतंकवाद पर बोले गए झूठ पर भी घेरा है. सूत्रों के हवाले से बताया गया है आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय पीएम इमरान खान केवल आतंकवादियों को समर्थन प्रदान कर रहे है. इसके साथ ही पाकिस्तान की सरकार आतंकियों समूहों को मुख्यधारा में लाने की कोशिश कर रहा है.

तुर्की की समाचार एजेंसी टीआरटी वर्ल्ड को दिए एक इंटरव्यू में इमरान खान ने भारत पर शांति प्रस्तावों का जवाब नहीं देने का आरोप लगाया और कहा कि दो परमाणु सम्पन्न देशों के बीच किसी भी तरह की लड़ाई उनके लिए आत्मघाती साबित होगी.

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इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के अनुसार प्रधानमंत्री ने भारत के साथ वार्ता की फिर से इच्छा जताई है. उन्होंने कहा कि भारत ने उनके शांति प्रस्तावों पर जवाब नहीं दिया. भारत को एक कदम आगे बढ़ाने की पेशकश दी गई थी और हम दो कदम उठाते. लेकिन भारत ने वार्ता की पाकिस्तान की पेशकश कई बार ठुकरा दी. भारत का कहना है कि आतंकवाद और संवाद साथ-साथ नहीं हो सकता.

जिसके जवाब में भारत सरकार ने पाकिस्तान के 5 झूठ गिनवाए है. इसके जरिए पाकिस्तान की पोल खुल जाएगी. पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने इस साल नवंबर में भारतीय पत्रकारों के एक समूह से कहा था कि पाकिस्तान अपनी धरती का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए नहीं होने देगा.

पहला झूठ: पाकिस्तान के गृह राज्य मंत्री शहीर अफरीदी ने जमात उद दावा (जेयूडी) नेता और संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्जित आतंकवादी हाफिज सईद के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और कहा कि सईद और उसके संगठन को पाकिस्तान सरकार का खुला समर्थन मिला है. यह मुलाकात पिछले साल दिसंबर महीने में इस्लामाबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में हुई.

दूसरा झूठ: जमात उद दावा (जेयूडी) ने नवंबर 2018 में पीओके (POK) में बचाव केंद्र खोले, जिनका उद्घाटन एक स्थानीय पीटीआई नेता ने किया था.

तीसरा झूठ: जमात उद दावा (जेयूडी) और उसके एनजीओ फलाह-ए-इन्सानियत फाउंडेशन (FIF) प्रतिबंधित संगठनों की सूची से तब बाहर हो गया जब राष्ट्रपति के उस अध्यादेश की समय सीमा खत्म हो गई, जिसमें उन्हें प्रतिबंधित संगठनों में शुमार किया गया था.

चौथा झूठ: प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के नेता और यूनाइटेड जेहाद काउंसिल (यूजेसी) के अध्यक्ष सईद सलाहुद्दीन ने पिछले साल अक्टूबर में जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकवादियों के लिए पाकिस्तान से सैन्य समर्थन मांगा.

पांचवां झूठ: पाकिस्तान के धार्मिक मंत्री नूर-उल-हक कादरी ने पिछले साल सितंबर महीने में सईद के साथ एक सार्वजनिक मंच साझा किया, जहां दोनों ने भारत विरोधी बयान दिए. कादरी के मुताबिक उन्होंने इमरान खान के निर्देश पर इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया था.

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