नई दिल्ली, 17 अगस्त : भारत ने मंगलवार को अफगानिस्तान (Afghanistan) के राजनयिकों सहित 150 से अधिक नागरिकों को तालिबान के कब्जे से बाहर निकाल लिया. सूत्रों ने बताया कि भारतीय वायुसेना का परिवहन विमान सी-17 150 यात्रियों को लेकर काबुल हवाईअड्डे से भारत के लिए रवाना हो गया है. सूत्र ने बताया कि आज सुबह सात बजे उड़ान भरने वाला विमान सी-17 ग्लोबमास्टर सबसे पहले जामनगर एयरबेस पर उतरेगा. निकाले गए लोगों में अफगानिस्तान में भारतीय राजदूत रोनेंद्र टंडन, दूतावास के कर्मचारी, उनके परिवार के सदस्य और युद्ध को कवर करने गए पत्रकार शामिल हैं. रविवार को सी-17 ग्लोबमास्टर विमान ने करीब 180 भारतीयों को निकाला था. अफगानिस्तान में मौजूदा स्थिति पर टिप्पणी करते हुए, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने सोमवार को कहा था, "पिछले कुछ दिनों में काबुल में सुरक्षा की स्थिति काफी खराब हो गई है. हमारे बोलने से भी ज्यादा तेजी से बदल रही हैं."
उन्होंने कहा कि सरकार अफगानिस्तान में सभी घटनाक्रमों पर करीब से नजर रखे हुए है. उन्होंने कहा, "हम उस देश में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए समय-समय पर सलाह जारी करते रहे हैं, जिसमें उनकी तत्काल भारत वापसी का आह्वान भी शामिल है." उन्होंने यह भी कहा कि आपातकालीन संपर्क नंबर प्रसारित किए थे और समुदाय के सदस्यों को सहायता भी प्रदान कर रहे थे. उन्होंने कहा, हम जानते हैं कि अफगानिस्तान में अभी भी कुछ भारतीय नागरिक हैं जो वापस लौटना चाहते हैं और हम उनके संपर्क में हैं. अफगान सिख और हिंदू समुदायों के बारे में उन्होंने कहा, "हम अफगान सिख और हिंदू समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ लगातार संपर्क में हैं. हम अफगानिस्तान छोड़ने की इच्छा रखने वालों की भारत वापसी की सुविधा प्रदान करेंगे." यह भी पढ़ें : सरकार ने कहा कि पेट्रोल-डीजल के दाम कम नहीं होंगे, क्या इसलिए संसद में चर्चा नहीं कराई: प्रियंका गांधी
अधिकारी ने यह भी कहा कि कई अफगान भी हैं जो आपसी विकास, शैक्षिक और लोगों के प्रयासों को बढ़ावा देने में भारतीय भागीदार रहे हैं. उन्होंने कहा, 'हम उनके साथ खड़े रहेंगे.' उन्होंने यह भी बताया था कि काबुल हवाईअड्डे से वाणिज्यिक परिचालन को निलंबित कर दिया गया है. अधिकारी ने कहा, "इससे हमारे प्रत्यावर्तन प्रयासों में विराम लग गया है. हम प्रक्रिया को फिर से शुरू करने के लिए उड़ानों के फिर से शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं." उन्होंने आश्वासन दिया था कि अफगानिस्तान की स्थिति की उच्च स्तर पर निरंतर निगरानी की जा रही है और सरकार भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और अफगानिस्तान में हमारे हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाएगी. पश्चिमी समर्थित सरकार के पतन के बाद तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया है और राष्ट्रपति अशरफ गनी देश से भाग गए हैं, जिससे दो दशक के उस अभियान का आश्चर्यजनक अंत हो गया जिसमें अमेरिका और उसके सहयोगियों ने देश को बदलने की कोशिश की थी.