India-China Border Tension: भारत और चीन एलएसी पर सैनिकों के पीछे हटने के लिए जल्द बैठक करने पर सहमत
भारत और चीन ने बुधवार को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैनिकों के पीछे हटने के लिए अपनी सेनाओं के वरिष्ठ कमांडरों के बीच एक बैठक आयोजित करने पर सहमति जताई है. दोनों देशों की सेनाएं एलएसी के पास इस साल जून महीने से आमने-सामने हैं। नई दिल्ली और बीजिंग ने बुधवार को भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) की अपनी 19वीं बैठक की.
नई दिल्ली, 30 सितम्बर. भारत और चीन ने बुधवार को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैनिकों के पीछे हटने के लिए अपनी सेनाओं के वरिष्ठ कमांडरों के बीच एक बैठक आयोजित करने पर सहमति जताई है. दोनों देशों की सेनाएं एलएसी के पास इस साल जून महीने से आमने-सामने हैं। नई दिल्ली और बीजिंग ने बुधवार को भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) की अपनी 19वीं बैठक की.
दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए हैं कि वरिष्ठ कमांडरों की सातवें दौर की बैठक जल्द होनी चाहिए, ताकि दोनों पक्ष मौजूदा द्विपक्षीय समझौतों के अनुसार एलएसी के पास अपने सैनिकों को प्रारंभिक और पूर्ण रूप से हटाने की दिशा में काम कर सकें और प्रोटोकॉल के पालन के साथ पूरी तरह से शांति बहाल हो सके. भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) ने किया. वहीं चीनी पक्ष का नेतृत्व चीनी विदेश मंत्रालय के सीमा और महासागरीय विभाग के महानिदेशक ने किया. यह भी पढ़े-India-China Border Tension: भारत-चीन के बीच सीमा पर जारी विवाद के बीच राहुल गांधी ने क्रोनोलॉजी के जरिए केंद्र पर साधा निशाना, पूछा-मोदी सरकार चीन या भारतीय सेना के साथ है?
नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने एलएसी के साथ मौजूदा स्थिति की समीक्षा की और 20 अगस्त को डब्ल्यूएमसीसी की अंतिम बैठक के बाद से घटनाक्रम पर स्पष्ट और विस्तृत चर्चा की.
भारत और चीन दोनों ने इस महीने की शुरूआत में आयोजित दो रक्षा मंत्रियों और दोनों विदेश मंत्रियों के बीच बैठकों को महत्व दिया। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों विदेश मंत्रियों के बीच समझौता एलएसी के साथ सभी गतिरोध बिंदुओं पर सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए ईमानदारी से लागू किया जाना चाहिए.
बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने 21 सितंबर को आयोजित छठे वरिष्ठ कमांडरों की बैठक के परिणाम का सकारात्मक मूल्यांकन किया। उन्होंने वरिष्ठ कमांडरों की अंतिम बैठक के बाद जारी संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में उल्लिखित कदमों को लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि गलतफहमी से बचा जा सके और जमीन पर स्थिरता बनाए रखी जा सके.
दोनों पक्षों के प्रतिनिधियों ने कहा कि संचार को मजबूत करने की जरूरत है, खासकर जमीनी कमांडरों के बीच यह आवश्यक है। दोनों पक्षों ने राजनयिक और सैन्य स्तरों पर करीबी परामर्श जारी रखने के लिए सहमति व्यक्त की है.