Independence Day 2023: आजादी के 77 बरस! हमारी उपलब्धियां बताती हैं, हम काबिल थे! जानें प्रगति पथ पर भारत!
Independence Day 2023

आजादी के 77वें जश्न की तैयारी जारी है. पहले मुगल और उसके बाद ब्रिटिशर्स से बाहर आने के लिए स्वातंत्र्यवीरों ने खूब लोहा लिया. 15 अगस्त 1947 को भारतीय रणबांकुरे अंग्रेजों को खदेड़ने में सफल रहे. जब अंग्रेजों ने भारत छोड़ा, देश की आर्थिक एवं सामाजिक दोनों ही स्थिति अच्छी नहीं थी, लेकिन आजादी पाने के पश्चात भारत लगातार विकास के रास्ते आगे बढ़ रहा है. भारत ने प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष अन्वेषण, सैन्य बल, स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा समेत तमाम क्षेत्रों उल्लेखनीय सुधार किया है. सरकार की कई विकासशील योजनाओं के जरिये भी दुनिया में अपनी छाप छोड़ी है. यहां बात करेंगे, स्वतंत्रता के पश्चात प्रगति पथ पर बढ़ते एक शक्तिशाली भारत की

वैज्ञानिक अनुसंधान लक्षित पंचवर्षीय योजना

साल 1950 में भारत ने योजना आयोग की स्थापना कर प्रगति-पथ पर महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया. आयोग की प्राथमिकता विज्ञान, प्रौद्योगिकी, बुनियादी ढांचे और शिक्षा सहित महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपनी रणनीति बनाना और प्रगति करना था. भारत ने राष्ट्रव्यापी विकास की नींव रखते हुए राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं को बढ़ाने और नए अनुसंधान संस्थानों को प्राथमिकता दी. योजना आयोग की सिफारिशों के कारण भारत में राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला, राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशाला और केंद्रीय विद्युत रसायन अनुसंधान संस्थान जैसे संस्थानों की स्थापना की गई.

आर्यभट्ट: छलांग अंतरिक्ष में

साल 1975, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा डिजाइन किया पहला उपग्रह आर्यभट्ट का प्रक्षेपण भारत के लिए माइलस्टोन साबित हुआ. कृषि विज्ञान, एक्स-रे खगोल विज्ञान और सौर भौतिकी के क्षेत्रों में गहन अध्ययन करने वाले आर्यभट्ट ने देश के लिए अंतरिक्ष अन्वेषण के एक नए युग की शुरुआत की. इस उपलब्धि ने भारत के विकास में बहुमुखी भूमिका निभाई.

अग्नि मिसाइल: राष्ट्रीय सुरक्षा की रीढ़

1989 में अग्नि मिसाइल के सफल परीक्षण के साथ भारत की वैज्ञानिक शक्ति को विस्तार मिला. उसने मिसाइल प्रौद्योगिकी में प्रगति की श्रृंखला शुरु की, जिससे विभिन्न परिचालन अग्नि मिसाइल प्रणालियों का निर्माण और सफल परीक्षण हुआ. इन विकासों ने देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत किया और वैश्विक मंच पर अपनी तकनीकी क्षमताओं को दर्शाया.

ऑपरेशन फ्लड

ऑपरेशन फ्लड की शुरुआत 13 जनवरी, 1970 को की गई थी. यह दुनिया का सबसे विशाल डेयरी डेवलपमेंट प्रोग्राम था, जिसने दूध उत्पादन के क्षेत्र में भारत को सिफर से शिखर तक पहुंचा दिया. इस कार्यक्रम की सफलता का अंदाजा इसी से लगता है कि कार्यक्रम की शुरुआत में दूध उत्पादन के क्षेत्र में भारत 50वें पायदान पर था, दो दशक में ही दुग्ध उत्पादन में शीर्ष पर पहुंच गया.

डीएनए फिंगर प्रिंटिंग

साल 1988 में, काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च-सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (CSIR-CCMB) द्वारा एक बड़ी उपलब्धि डीएनए फिंगरप्रिंटिंग तकनीक के विकास के रूप में हासिल हुई. इस उपलब्धि ने भारत को अपनी विशिष्ट डीएनए फिंगर प्रिंटिंग तकनीक रखने वाला दुनिया का तीसरा देश बनाया.

पोखरण: परमाणु क्षमता

तकनीकी यात्रा में 1998 को भारत ने पोखरण में एक के बाद एक पांच परमाणु बम परीक्षण को अंजाम देकर भारत परमाणु शक्ति सम्पन्न देश बना. इस उपलब्धि को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के रूप में नामित किया गया. इस कार्यक्रम ने भारत की परमाणु क्षमताओं को दर्शाने के साथ वैश्विक निहितार्थों के साथ तकनीकी प्रगति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को बताया.

चंद्रयान-1

2008 में भारत का पहला चंद्र मिशन, चंद्रयान-1, श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश) से चंद्रमा की यात्रा भारत की एक ऐतिहासिक उपलब्धि बनी. इस मिशन ने चंद्रमा विज्ञान, रसायन विज्ञान और खनिज विज्ञान में अमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान की, जिससे भारत की अंतरिक्ष एजेंसी, इसरो, वैश्विक अंतरिक्ष समुदाय में प्रमुख स्थान पर पहुंच गई.

पोलियो उन्मूलन

स्वास्थ्य की बड़ी चुनौतियों पर नियंत्रण पाते हुए भारत ने दो दशकों के भीतर पोलियो उन्मूलन करके एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की. वैश्विक पोलियो के लगभग 60 प्रतिशत मामलों में, भारत दुनिया में सफल टीकाकरण अभियानों का उदाहरण बना, जो प्रभावी प्रशासन और स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली के लचीलेपन का प्रमाण है.

कोविड अनुसंधान

कोविड-19 महामारी की तमाम चुनौतियों के बीच, भारतीय वैज्ञानिक एवं शोधकर्ता दुनिया में चमत्कारिक रूप से उभरे. जिन्होंने सफलतापूर्वक प्रभावशाली टीके विकसित किए और भारत को टीका उत्पादन और निर्यात में नंबर वन बनाया. इस उपलब्धि ने वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य के प्रति देश के लचीलेपन और समर्पण को दुनिया के सामने रेखांकित किया.

आर्थिक सुधार

साल 1990 के दशक में भारत ने आर्थिक सुधारों की नई उपलब्धि हासिल की. इसके तहत विदेशी निवेश की आमद और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में वृद्धि को बढ़ावा मिला, जिससे भारत दुनिया की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाला खिलाड़ी साबित हुआ. वित्त मंत्रालय द्वारा जारी भारत की जीडीपी 2023 में 3.75 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गई, जो 2014 में करीब 2 ट्रिलियन डॉलर थी. आज भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बना.

वस्तु एवं सेवा कर (GST)

1 जुलाई 2017 में वस्तु एवं सेवा कर (GST) व्यवस्था की शुरुआत हुई. इस व्यवस्था ने भारत में कर प्रणाली की विसंगतियों को दूर किया. एक बार फिर से इसके जरिए सहकारी संघवाद की भावना को बढ़ावा देने की पहल की गई. इस व्यवस्था से देश में कर प्रणाली में समरूपता आने से आम जनता और कारोबारियों की कुछ उलझने कम हुई हैं और सरकारों का राजस्व भी बढ़ा.