नई दिल्ली, 31 अक्टूबर : केंद्र सरकार की प्रमुख योजनाओं में से एक 'पीएम सूर्य घर : मुफ्त बिजली योजना' को लेकर नए आंकड़े जारी हुए हैं. एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, इस योजना के शुरू होने के मात्र छह महीनों में ही 'सौर छत क्षमता' (सोलर रूफटॉप कैपेसिटी) में 50 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि देखी गई है.
इस योजना को 29 फरवरी को 75,021 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ मंजूरी दी गई थी. योजना 'सौर छत क्षमता' के हिस्से को बढ़ाने के लक्ष्य के साथ लाई गई है और आवासीय घरों को अपनी बिजली पैदा करने में सक्षम बनाने को लेकर महत्वपूर्ण है नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने हाल ही में कहा कि सरकार ने इस योजना के तहत अब तक लगभग 4 लाख 'सौर छत कनेक्शन' स्थापित किए हैं. यह छह महीनों में 1.8 गीगावॉट की नई आवासीय 'सौर छत क्षमता' की स्थापना के लिए है. यह भी पढ़ें : राष्ट्रीय एकता दिवस पर पीएम मोदी ने ‘अर्बन नक्सल’ के खिलाफ सतर्कता बरतने का किया आह्वान
जेएमके रिसर्च एंड एनालिटिक्स की एक रिपोर्ट में दिखाया गया है कि यह भारत की कुल आवासीय 'सौर छत क्षमता' के आधे से अधिक है. मार्च तक, भारत में स्थापित आवासीय 'सौर छत क्षमता' लगभग 3.2 गीगावॉट और देश में स्थापित कुल इकाइयों का 27 प्रतिशत थी.
मार्च तक की संचयी स्थापित क्षमता लगभग 11.9 गीगावॉट थी, जिसमें वाणिज्यिक और औद्योगिक सेगमेंट लगभग 60 प्रतिशत था. आवासीय घरों को सौर छत इकाइयों का विकल्प चुनने की क्षमता बढ़ाने के लिए, सरकार ने मॉड्यूल के लिए सब्सिडी को 40 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत कर दिया है. घरों को कम से कम 7% की ब्याज दर पर ऋण भी प्रदान किया है. रिपोर्ट के अनुसार, यह योजना भारत की सौर ऊर्जा को लेकर मील का पत्थर साबित होगी, जो 2027 तक आवासीय सौर क्षमता को 30 गीगावॉट तक बढ़ाएगी. यह योजना भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण होगी.