अगर ये फार्मूला अपनाया जाए तो देश में बहुत कम हो सकते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम
आज के वर्तमान युग में बिना वाहनों के प्रयोग के जैसे जीवन थम सी जाती है. जी हां पिछले कुछ महीनों से देश में जिस प्रकार से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी हो रही है लोग उससे काफी परेशान हैं.
आज के वर्तमान युग में बिना वाहनों के प्रयोग के जैसे जीवन थम सा जाता है. जी हां पिछले कुछ महीनों से देश में जिस प्रकार से पेट्रोल (Petrol) और डीजल (Diesel) की कीमतों में बढ़ोत्तरी हो रही है लोग उससे काफी परेशान हैं. बढ़ती कीमतों को लेकर देश में कई बार लोग सड़को पर आकर खुले रूप से प्रदर्शन कर चुके हैं. ज्ञात हो कि पेट्रोल और डीजल पर केंद्र और राज्य सरकार अलग-अलग टैक्स वसूलती हैं. हालात यह है कि पेट्रोल पर लगने वाला टैक्स कुल कीमत का 96.9 फीसदी तो डीजल का 60.3 फीसदी बैठता है.
बता दें कि अगर टैक्स और डीलर्स के कमिशन को दिल्ली-एनसीआर में पेट्रोल और डीजल की कीमतों से हटा दिया जाय तो पेट्रोल और डीजल की कीमतों में नरमी आ सकती है. लोकसभा में एक लिखित जवाब में 19 दिसंबर को पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों की जानकारी देते हुए केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि पेट्रोल पर टैक्स और डीलर्स कमिशन उसकी कीमत का 96.9 फीसदी और डीजल पर 60.3 फीसदी पड़ जाता है.
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बीते 19 दिसंबर को पेट्रोल की रिटेल कीमत प्रति लीटर 70.63 रुपये थी. इसमें 17.98 रुपये एक्साइज ड्यूटी, 15.02 रुपये स्टेट वैट और 3.59 रुपये डीलरों का कमिशन शामिल है. वहीं, 19 दिसंबर को डीजल की प्रति लीटर कीमत 64.54 रुपये थी, जिसमें सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी 13.83 रुपये, स्टेट वैट 9.51 रुपये तथा डीलरों का कमिशन 2.53 रुपये शामिल है.
ज्ञात हो कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें रोजाना आधार पर निर्धारित होती हैं और यह बाजार पर निर्भर करता है. देशभर में ईंधन की कीमतें अलग-अलग होती हैं, क्योंकि उनपर राज्यों में वैट अलग-अलग हैं.