Har Ghar Tiranga: राष्ट्रीय ध्वज के गलत प्रदर्शन से बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान, रखें शान बरकरार
देश की आन-बान-शान हमारा राष्ट्रीय ध्वज, जब भी लहराता है, भारतीयों में देशभक्ति की भावना भर देता है. दूर-देश में बैठे लोगों की आंखे, जब तिरंगे को ऊंचाइयों पर देखती हैं, तो छलछला जाती हैं. तिरंगा हमारी पहचान है, इसकी हर तरह से रक्षा करना हमसभी का कर्तव्य है.
देश की आन-बान-शान हमारा राष्ट्रीय ध्वज, जब भी लहराता है, भारतीयों में देशभक्ति की भावना भर देता है. दूर-देश में बैठे लोगों की आंखे, जब तिरंगे को ऊंचाइयों पर देखती हैं, तो छलछला जाती हैं. तिरंगा हमारी पहचान है, इसकी हर तरह से रक्षा करना हमसभी का कर्तव्य है. इस बार जबकि हम हर घर तिरंगा अभियान मना रहे हैं, तो राष्ट्रीय ध्वज को न केवल फहराने के नियम बने हैं, बल्कि झंडे को लेकर भी कुछ नियम हैं, जिसका हर किसी को पालन करना चाहिए. आइए उनके बारे में जानते हैं…
राष्ट्रीय ध्वज के गलत प्रदर्शन से बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान
–राष्ट्रीय ध्वज उल्टा करके प्रदर्शित नहीं किया जाएगा यानि, केसरिया पट्टी को नीचे की पट्टी के रूप में नहीं रखना चाहिए.
–क्षतिग्रस्त या अस्त-व्यस्त राष्ट्रीय ध्वज को प्रदर्शित नहीं किया जाएगा.
–राष्ट्रीय ध्वज किसी भी व्यक्ति या वस्तु को सलामी देते समय नीचे झुकाना नहीं चाहिए.
–किसी भी अन्य ध्वज को राष्ट्रीय ध्वज से ऊपर या उसके अगल-बगल में नहीं रखा जाएगा और मस्तूल के ऊपर जहां राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है किसी तरह की फूल माला या प्रतीक के साथ कोई वस्तु नहीं रखी जाएगी.
–राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग किसी उत्सव, थाली, ध्वज-पट्ट या किसी अन्य तरीके से सजावट के लिए नहीं किया जाएगा.
–राष्ट्रीय ध्वज पानी में जमीन या फर्श या पगडंडी को नहीं छूना चाहिए. • राष्ट्रीय ध्वज को किसी भी ऐसे तरीके से प्रदर्शित या बांधा नहीं जाएगा जिससे उसे कोई क्षति होने की संभावना हो.
–राष्ट्रीय ध्वज को किसी अन्य ध्वज या झंडे के साथ एक ही मास्टहेड (फ्लैग पोल का शीर्ष भाग) से एक साथ नहीं फहराया जाना चाहिए.
–राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग वक्ता की मेज ढकने के लिए नहीं किया जाना चाहिए और न ही उसे वक्ता के मंच पर लपेटा जाना चाहिए. यह भी पढ़ें :बंबई उच्च न्यायालय ने भाजपा नेता सोमैया, उनके बेटे को अग्रिम जमानत दी
ध्वज के अपमान को रोकने के लिए नियम
गृह मंत्रालय की ओर से राष्ट्रीय ध्वज के अपमान के रोकथाम के लिए भी नियम बताए गए हैं. जिसके तहत ‘राष्ट्रीय सम्मान के अपमान की रोकथाम अधिनियम, 1971’ के अनुसार, इन बातों का ध्यान किया जाना चाहिए :
–राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग निजी स्तर पर की जाने वाली अंत्येष्टियों सहित किसी भी अन्य अंत्येष्टि के दौरान आवरण के रूप में नहीं किया जाएगा.
–राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग किसी भी प्रकार की पोशाक या वर्दी बनाने के लिए नहीं किया जाएगा और न ही इसे कशीदाकारी या कुशन, रूमाल, नैपकिन या किसी ड्रेस सामग्री पर मुद्रित किया जाएगा.
–राष्ट्रीय ध्वज पर कोई अक्षर लेखन नहीं होना चाहिए.
–राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग किसी वस्तु को लपेटने, कोई वस्तु प्राप्त करने या वितरित करने के लिए नहीं किया जाएगा.
–राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग किसी भी वाहन की साइड्स, पृष्ठ भाग और ऊपर का भाग ढंकने के लिए नहीं किया जाएगा.
झंडे को लेकर ये हैं नियम
तिरंगा संपूर्ण राष्ट्र के लिए गौरव का प्रतीक है. देश के लोग तिरंगे के प्रति सम्मान और श्रद्धा रखते हैं. ऐसे में अगर किसी वजह से राष्ट्रीय ध्वज फट गया हो या किसी भी तरह से खंडित हो गया हो तो उसके लिए निपटान को लेकर भारत के ध्वज संहिता के खंड 2.2 के अनुसार, यदि राष्ट्रीय ध्वज क्षतिग्रस्त हो या बदरंग हो जाए या फिर कट फट जाए तो उसे अलग ले जाकर पूरी तरह नष्ट कर देना चाहिए, यानि एक तरह से जलाकर अथवा किसी अन्य तरीके से, जिसमें कि राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा को कोई ठेस ना पहुंचे. राष्ट्रीय ध्वज यदि कागज का बना हो, तो यह आम जनता द्वारा फहराया जाता है. इन ध्वजों को जमीन पर नहीं फेंकना चाहिए. राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा को ध्यान में रखते हुए इन्हें अलग एक तरफ ले जाकर त्याग देना चाहिए. आप ध्वज को बहते पानी में भी समर्पित कर सकते हैं.