पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने मंगलवार को फैसला दिया कि तलाक के बाद अगर पति का वेतन अवधि के दौरान बढ़ता है तो पत्नी भी गुजारा भत्ता बढ़कर पाने की हकदार है. न्यायमूर्ति एचएस मदान ने एक पति द्वारा दायर याचिका को खारिज करने के बाद यह आदेश पारित किया. हरियाणा के पंचकूला के रहने वाले वरुण जगोता ने पंचकूला फैमिली कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी, जिसके बाद इस मामले को हाईकोर्ट में ले जाया गया था. फैमिली कोर्ट ने पति की सैलरी बढ़ने के बाद पत्नी के अंतरिम भत्ते को 20 हजार रुपये से बढ़ाकर 28 हजार रुपये कर दिए थे.
पति ने तर्क दिया था कि उसका वेतन 95 हजार रुपये से बढ़कर 1 लाख 14 हजार रुपये हो गया और कटौती के बाद उसे 92,175 रुपये मिलते हैं. शख्स ने अदालत को कहा कि कटौती के बाद वह पत्नी को 28 हजार रुपये कैसे दे सकता है? यह भी पढ़ें: Sex on Marriage Promise: दिल्ली हाई कोर्ट ने शादी के वादे पर किए सेक्स को लेकर की बड़ी टिप्पणी
याचिकाकर्ता की दलीलें इस आधार पर खारिज कर दी गईं कि उच्च न्यायालय केवल ऐसे मामले में हस्तक्षेप कर सकता है जब आदेश कानून के विरुद्ध हो या पक्षपाती हो.उच्च न्यायालय ने मामले को खारिज कर दिया और यह स्पष्ट किया कि यदि पति के वेतन में वृद्धि होती है, तो पत्नी गुजारा भत्ता में वृद्धि की हकदार है.