रायपुर, 14 अप्रैल : आमतौर पर घरों में बिजली के मीटर की रीडिंग लेते हुए पुरुष ही नजर आते है, मगर छत्तीसगढ़ में महिलाओं को इस काम के जरिए रोजगार मुहैया कराने का नवाचार हुआ है. एक तरफ जहां इससे जुड़ रही युवतियों को रोजगार मिल रहा है तो वहीं उन्हंे नई पहचान 'बिजली बिल वाली दीदी' (Electricity Bill Didi) के तौर पर मिल रही है. राज्य का कोरिया जिले में छत्तीसगढ़ राज्य बिजली बोर्ड ने यह अभिनव प्रयोग किया है, यहां बिजली मीटर की रीडिंग के काम में युवतियों केा भी लगाया जा रहा है. इस काम में लगी महिलाओं केा प्रति मीटर की रीडिंग लेने के आधार पर भुगतान किया जाता है. ग्रामीण इलाके में प्रति मीटर की रीडिंग पर सात रुपये और शहरी क्षेत्र की मीटर रीडिंग पर पांच रुपये प्रति मीटर मिलता है.
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के अंतर्गत मनेन्द्रगढ़ विकासखंड के बड़काबहरा में गठित जय लक्ष्मी महिला स्वसहायता समूह की सदस्य भारती भी उन महिलाओं में शामिल है जो मीटर रीडिंग का काम कर रही है. भारती बताती है कि वे मार्च महीने से यह काम कर रही है. अब तक करीब 700 घरों में बिजली के मीटर की रीडिंग कर स्पॉट बिलिंग कर चुकी है. अपने काम के शुरूआती मार्च महीने में ही उसने प्रथम बैच में 218 और दूसरे बैच में 200 बिल तैयार किए हैं. चालू अप्रैल माह में भी वह प्रथम बैच में अभी तक 270 घरों में मीटर रीडिंग और स्पॉट बिलिंग कर लोगों को बिजली बिल उपलब्ध करा चुकी है. यह भी पढ़ें :कांग्रेस ने आंबेडकर को श्रद्धांजलि दी, राहुल बोले: भारत को सबसे मजबूत स्तंभ ‘संविधान’ दिया
कोरिया जिला प्रशासन की पहल पर मीटर रीडर की जरूरत वाले गांवों में 'बिहान' की स्वसहायता समूहों की महिलाओं को इस काम से जोड़ा जा रहा है. मनेन्द्रगढ़ विकासखंड में अलग-अलग गांव की पांच महिलाओं का चयन इसके लिए किया गया है. बड़काबहरा की भारती भी इन्हीं महिलाओं में शामिल है. सीएसईबी से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद अब वह अपने नए कार्यक्षेत्र में उतर चुकी है. उसे देखकर अन्य महिलाएं भी प्रेरित हो रही हैं. बताया गया है कि मीटर रीडर्स को ग्रामीण क्षेत्रों में सात रूपए प्रति रीडिंग और शहरी इलाकों में पांच रूपए प्रति रीडिंग की दर से भुगतान किया जाता है.