जम्मू, 24 जुलाई : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की आलोचना करने वालों को यह याद रखना चाहिए कि उनकी मंशा या ईमानदारी पर सवाल नहीं उठाना चाहिए. 'कारगिल विजय दिवस' के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम में अपने संबोधन में, उन्होंने कहा कि बहुत सारे लोग हैं जो नेहरू की आलोचना करते हैं और 'मैं भी एक राजनीतिक दल से संबंधित हूं .. मैं भारत के किसी भी प्रधानमंत्री की आलोचना नहीं करना चाहता.'
1962 के भारत-चीन युद्ध के संदर्भ में उन्होंने कहा, "मैं किसी भी प्रधानमंत्री की मंशा और अखंडता पर सवाल नहीं उठाता. उनके इरादे में कोई विफलता नहीं थी." उन्होंने कहा, "हमें वास्तव में 1962 में हार का सामना करना पड़ा, लेकिन भारत अब वह राष्ट्र नहीं है. भारत अब सबसे मजबूत देशों में से एक है. मैं 1962 की पराजय के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को लक्षित नहीं करता. मैं उस समय अपनाई गई नीतियों की आलोचना करता हूं." यह भी पढ़ें : Droupadi Murmu Oath Ceremony: द्रौपदी मुर्मू आज लेंगी पद की शपथ, बनेंगी देश की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति
उन्होंने कहा कि आज भारत रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर है. उन्होंने कहा, "भारत आज बोलता है और दुनिया सुनती है. भारत अब कमजोर नहीं है. हम किसी की भी नीतियों की आलोचना कर सकते हैं, लेकिन हम किसी की मंशा पर संदेह नहीं कर सकते."