Nirbhaya Gangrape Case: कोर्ट में फूट-फूटकर रो पड़ीं निर्भया की मां आशा देवी, कहा- मैं भरोसा और उम्मीद खो रही हूं
निर्भया की मां आशा देवी ने कहा, हमें बार-बार एक कोर्ट से दूसरे कोर्ट घुमाया जा रहा है. कहीं न कहीं कानून की व्यवस्था में कमी है जिसके वजह से ये आरोपी अलग-अलग याचिका डाल रहें हैं. कोर्ट में निर्भया ने रोते हुए कहा, "मैं अब भरोसा और उम्मीद खो रही हूं.
निर्भया गैंगरेप मामले (Nirbhaya Gangrape Case) में बुधवार को दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी करने को लेकर सुनवाई हुई. इस दौरान निर्भया की मां भावुक भी हो गईं और हाथ जोड़ कर कहा कि डेथ वारंट जारी कर दीजिए. कोर्ट में सुनवाई के दौरान निर्भया की मां आशा देवी (Asha Devi) रोने लगीं और कोर्ट से मांग करने लगी कि जल्द से दोषियों की फांसी दी जाए, हम 7 सालों से इंतजार कर रहे हैं, लेकिन आज भी हमारे हाथ खाली हैं. कोर्ट में निर्भया ने रोते हुए कहा, "मैं अब भरोसा और उम्मीद खो रही हूं. कोर्ट को सजा में देर कराने के लिए दोषियों की रणनीतियों को समझना चाहिए."
निर्भया की मां आशा देवी ने कहा, हमें बार-बार एक कोर्ट से दूसरे कोर्ट घुमाया जा रहा है. कहीं न कहीं कानून की व्यवस्था में कमी है जिसके वजह से ये आरोपी अलग-अलग याचिका डाल रहें हैं. इससे पहले हुई सुनवाई के दौरान भी निर्भया की मां आशा देवी कोर्ट में फूट-फूटकर रो पड़ीं. उन्होंने कोर्ट से कहा कि मेरे अधिकारों का क्या? मैं भी इंसान हूं, मुझे सात साल हो गए, मैं हाथ जोड़कर न्याय की गुहार लगा रही हूं. कृप्या दोषियों को डेथ वारंट जारी करें.'
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गुरुवार को होगी अगली सुनवाई-
कोर्ट इस मामले में अब गुरुवार को अगली सुनवाई करेगा. कोर्ट ने कहा कि दोषी पवन के पिता को गुरुवार को कोर्ट द्वारा लीगल ऐड से वकील मिल जाएगा जिसके बाद मामले की सुनवाई की जाएगी. बता दें कि तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने मंगलवार को निचली अदालत में एक स्थिति रिपोर्ट (स्टेटस रिपोर्ट) दाखिल कर कहा था कि किसी भी दोषी ने पिछले सात दिन में कोई कानूनी विकल्प नहीं चुना है, जो समय सीमा दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें दी थी.
साल 2012 का मामला
निर्भया गैंगरेप केस 16 दिसंबर 2012 का है. सात साल पहले 16 दिसंबर की रात दिल्ली में चलती बस में एक लड़की का बर्बरता से रेप किया गया. गैंगरेप के बाद निर्भया की गंभीर हालत में सड़क पर फेंक दिया गया था. दिल्ली में इलाज के बाद उसे एयरलिफ्ट करके सिंगापुर ले जाया गया था. गैंगरेप के बाद निर्भया 13 दिनों तक अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझती रही. जिंदगी से जंग करते-करते 29 दिसंबर को उसने दम तोड़ दिया था. 31 अगस्त 2013 को निर्भया के केस में आरोपी कोर्ट में दोषी साबित हुए थे.
इस मामले के 6 दोषियों में से एक नाबालिग था, जिसे सुधार गृह भेजा गया था. एक आरोपी रामसिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगा ली थी. चार अन्य दोषियों- पवन, मुकेश, अक्षय और विनय शर्मा की फांसी के लिए दूसरी बार डेथ वॉरंट जारी हो चुका है. इसमें फांसी की तारीख 1 फरवरी मुकर्रर की गई है. पहले वॉरंट में यह तारीख 22 जनवरी तय की गई थी.