नई दिल्ली: निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के चार दोषियों में से एक विनय शर्मा ने राष्ट्रपति द्वारा उसकी दया याचिका खारिज करने के फैसले को मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी. शर्मा ने अपने वकील ए पी सिंह के माध्यम से याचिका में मौत की सजा को उम्र कैद में तब्दील करने का अनुरोध किया है।राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने एक फरवरी को विनय की दया याचिका खारिज कर दी थी।राजधानी के इस सनसनीखेज सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले में निचली अदालत ने चारों दोषियों -मुकेश कुमार सिंह, पवन गुप्ता, विनय कुमार शर्मा और अक्षय कुमार की मौत की सजा पर अगले आदेश तक के लिये 31 जनवरी को रोक लगा दी थी.ये चारों दोषी इस समय तिहाड़ जेल में बंद हैं.
पवन ने अभी तक सुधारात्मक याचिका दायर नही की है जो अंतिम कानूनी विकल्प है। उसके पास राष्ट्रपति के यहां दया याचिका दायर करने का विकल्प भी अभी उपलब्ध है।दक्षिण दिल्ली में 16-17 दिसंबर, 2012 की रात चलती बस में छह व्यक्त्तियों ने निर्भया से सामूहिक बलात्कार के बाद बुरी तरह जख्मी अवस्था में उसे सड़क पर फेंक दिया था. निर्भया की बाद में 29 दिसंबर 2019 को सिंगापुर के अस्पताल में मौत हो गयी थी. यह भी पढ़े: निर्भया गैंगरेप केस: दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा- 7 दिन के भीतर ही करें जो भी अपील करना है
इस मामले में इन चार दोषियों सहित छह आरोपी थे। इनमें से एक राम सिंह ने जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी जबकि छठा आरोपी किशोर था जिसे तीन साल के लिये सुधार मे गृह में रखा गया था.यह किशोर 2015 में सुधार गृह से रिहा कर दिया गया था.निचली अदालत ने इस मामले में चारों दोषियों को सितंबर, 2013 में मौत की सजा सुनायी थी जिसकी पुष्टि उच्च न्यायालय और फिर शीर्ष अदालत ने कर दी थी.