भारत ने परमाणु बम परीक्षण में प्याज और आलू का कैसे और क्यों किया इस्तेमाल, जानें दिलचस्प कहानी

परमाणु बम और उसके परीक्षणों के बारे में कई दिलचस्प तथ्य सुने होंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्याज और आलू का परमाणु बम परीक्षण में क्या भूमिका है?

आपने दुनिया में केवल नौ देशों के बारे में सुना होगा, जिनके पास परमाणु बम हैं, और भारत उन शक्तिशाली देशों में से एक है. आपने परमाणु बम और उसके परीक्षणों के बारे में कई दिलचस्प तथ्य सुने होंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्याज और आलू का परमाणु बम परीक्षण में क्या भूमिका है?

भारत ने पोखरण में जो परमाणु परीक्षण किया था. रिपोर्ट्स के अनुसार इंडिया ने कई टन प्याज और आलू का उपयोग किया था. भारत के उदाहरण के बाद, कई अन्य देशों ने भी अपने परमाणु बम परीक्षणों में प्याज और टमाटर का उपयोग किया है. आइए जानते हैं कि प्याज और आलू का परमाणु बम परीक्षण में कैसे उपयोग किया जाता है.

प्याज की भूमिका 

प्याज का उपयोग परमाणु बम परीक्षण में विकिरण की मात्रा को कम करने के लिए किया जाता है. जब परमाणु विस्फोट होता है, तो वह अल्फा, बीटा और गामा किरणों को उत्सर्जित करता है. प्याज इन विकिरणों को अवशोषित करने की क्षमता रखते हैं, और इसी उद्देश्य के लिए परीक्षण स्थल पर लाखों टन प्याज को दफन किया जाता है. विकिरण को नियंत्रित करना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अगर विकिरण मानवों के संपर्क में आ जाए, तो रक्त ऊतकों को तुरंत नुकसान पहुंच सकता है.

वैज्ञानिकों ने खोज की है कि विकिरण के संपर्क में आने वाली कोशिकाओं की जीवित रहने की दर प्याज के अर्क से बढ़ाई जा सकती है. प्याज में फ्लेवोनोइड्स और फेनोलिक एसिड प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो इसे एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-जेनोटॉक्सिक गुणों से भरा बनाते हैं.

रिपोर्ट्स में बताया गया है कि प्याज की जड़ों का उपयोग परमाणु बम परीक्षणों से निकलने वाले विकिरण के प्रभावों का अध्ययन करने के लिए किया जाता है - यह एक ऐसा दिलचस्प तथ्य है जो बहुत कम लोगों को पता है. प्याज गामा विकिरण के स्तर को भी संकेतित कर सकता है जब यह भंडारण में होता है. भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) ने प्याज की दीर्घकालिकता बढ़ाने के लिए विकिरण और ठंडी भंडारण के संयोजन की तकनीक का आविष्कार किया है.

आलू की भूमिका 

आलू की बात करें तो इसका उपयोग विकिरण के प्रभावों को कम करने के लिए किया जाता है. इसके अलावा, आलू का उपयोग यह देखने के लिए भी किया जाता है कि कैसे अर्ध-नाशनीय खाद्य पदार्थ परमाणु विस्फोटों से प्रभावित होते हैं. हाल की वैज्ञानिक उपलब्धियों में, टेनेसी विश्वविद्यालय के पौधों के विज्ञान शोधकर्ताओं ने पाया है कि आलू गामा विकिरण को अत्यधिक प्रभावी ढंग से अवशोषित करते हैं. इससे यह पौधों पर आधारित सेंसरों के इंजीनियरिंग में सहायक हो सकता है, जो समुदायों को हानिकारक विकिरण से बचाने में मदद कर सकते हैं.

इस प्रकार, प्याज और आलू केवल रसोई में उपयोग होने वाली सामग्रियाँ नहीं हैं, बल्कि परमाणु परीक्षणों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. वैज्ञानिक शोध यह दर्शाता है कि कैसे ये साधारण खाद्य पदार्थ विकिरण के प्रभाव को कम कर सकते हैं और हमारी सुरक्षा में सहायक हो सकते हैं. इसलिए अगली बार जब आप प्याज और आलू का उपयोग करें, तो याद रखें कि ये केवल व्यंजन का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि विज्ञान में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.

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