गृह मंत्रालय ने दिया राज्य सरकारों को कहा- कार्गो, ट्रकों, और श्रमिकों की आवाजाही के लिए दिशानिर्देश करें जारी
देशभर में लॉकडाउन लागू है. जिसके कारण कई जरूत की चीजें और लोग समेत समान फंसे पड़े हैं. वहीं लॉकडाउन को लेकर सस्पेंस बरकारर है. कई राज्यों में लॉकडाउन को 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है. इस बीच गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने राज्यों को निर्देश दिया है कि वे अंतर्राज्यीय कार्गो, ट्रकों, और श्रमिकों की आवाजाही और गोदाम और कोल्ड स्टोरेज के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए लॉकडाउन दिशा निर्देशों को लागू करें. इस फैसले के पीछे सरकार का उद्देश्य है कि देश के किसी भी हिस्से में जरूरत की चीजों की कोई कमी पड़े.
देशभर में लॉकडाउन लागू है. जिसके कारण कई जरूत की चीजें और लोग समेत समान फंसे पड़े हैं. वहीं लॉकडाउन को लेकर सस्पेंस बरकारर है. कई राज्यों में लॉकडाउन को 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है. इस बीच गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने राज्यों को निर्देश दिया है कि वे अंतर्राज्यीय कार्गो, ट्रकों, और श्रमिकों की आवाजाही और गोदाम और कोल्ड स्टोरेज के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए लॉकडाउन दिशा निर्देशों को लागू करें. इस फैसले के पीछे सरकार का उद्देश्य है कि देश के किसी भी हिस्से में जरूरत की चीजों की कोई कमी पड़े.
बता दें कि इससे पहले गृह मंत्रालय ने देश में 21 दिनों के लॉकडाउन पर राज्य सरकारों के सुझाव मांगे थे. उनसे यह भी पूछा गया है कि क्या ज्यादा श्रेणी में लोगों और सेवाओं को बंद से छूट दी जा सकती है. इस तरह के संकेत हैं कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए बंद को दो हफ्ते और बढ़ाया जा सकता है. गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों और केंद्र शासित क्षेत्रों को भेजे गए पत्र में 24 मार्च को घोषित लॉकडाउन को कड़ाई से लागू करने के लिए उठाए गए कदमों से उन्हें अवगत कराया था.
गौरतलब हो कि केंद्र सरकार ने बंद की घोषणा करते हुए कहा था कि आवश्यक सामग्रियों की दुकानों को छूट दी थी। इसमें ऑनलाइन प्लेटफॉर्म सहित स्वास्थ्य, साफ-सफाई, पुलिस, मीडिया और बैंक को भी लॉकडाउन से छूट दी गई है. गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित क्षेत्रों से कहा था कि कृषि गतिविधियां भी बंद से प्रभावित नहीं होंगी. ( भाषा इनपुट )