गांधीनगर, 28 अगस्त: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने रविवार को संकेत दिया कि सरकार छह साल से अधिक के गंभीर अपराधों के लिए फोरेंसिक जांच को अनिवार्य बनाएगी. Karnataka: स्कूल की किताब में वीर सावरकर पर एक पैराग्राफ, मचा बवाल
राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) के पहले दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में अपने संबोधन में शाह ने कहा कि केंद्र सरकार साक्ष्य अधिनियम को मजबूत करने पर गंभीरता से काम कर रही है और इसके लिए वह भारतीय दंड संहिता, और आपराधिक मामलों के विशेषज्ञों से बात कर रही है.
गृह मंत्री ने कहा कि इन परिवर्तनों और फोरेंसिक जांच को अनिवार्य बनाने से, यह फोरेंसिक साइंस पासआउट के लिए रोजगार के बड़े अवसर पैदा करेगा.
उन्होंने एनएफएसयू के तीन और विंगों का भी उद्घाटन किया - डीएनए फोरेंसिक, साइबर सुरक्षा, और खोजी और फोरेंसिक पैथोलॉजी में उत्कृष्टता केंद्र - जो नई चुनौतियों में भाग लेने में मदद करेगा. शाह ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि ये शाखाएं आपराधिक न्याय में बड़ी भूमिका निभाएंगी.