अमरनाथ यात्री हमारे मेहमान, किसी पर नहीं करेंगे अटैक: हिजबुल मुजाहिद्दीन चीफ
जम्मू-कश्मीर में सक्रीय आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन ने भविष्य में अमरनाथ यात्रियों पर किसी भी प्रकार के हमलें से इनकार किया है. हिजबुल के चीफ रियाज नाइकू ने एक टेप जारी कर अमरनाथ यात्रियों को मेहमान बताया है.
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में सक्रीय आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन ने भविष्य में अमरनाथ यात्रियों पर किसी भी प्रकार के हमलें से इनकार किया है. हिजबुल के चीफ रियाज नाइकू ने एक ऑडियो टेप जारी कर अमरनाथ यात्रियों को मेहमान बताया है. हालांकि कड़ी सुरक्षा के बीच अमरनाथ यात्रा के लिए पहला जत्छा आज सुबह रवाना हो चूका है. जत्थे में 780 पुरुष, 190 महिलाएं, एक बच्चा और 120 साधु शामिल हैं.
रियाज नाइकू ने कहा है कि हिजबुल का अमरनाथ यात्रियों को निशाना बनाने का कोई प्लान नहीं है. उसने कहा कि हम कभी भी यात्रियों पर हमला नहीं करेंगे क्योंकि वह यहां पर हमारे मेहमान हैं और यहां पर अपने धार्मिक मकसद के लिए आते हैं. नाइकू की मानें तो आतंकियों ने कभी भी अमरनाथ यात्रा पर हमला नहीं किया है. फिलहाल इस ऑडियो टेप की प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं हो सकी है.
सुरक्षा एजेंसियों ने अमरनाथ यात्रा को लेकर पहले ही अलर्ट जारी किया है. अलर्ट के मुताबिक, लश्कर के करीब 20 आतंकवादी घाटी में घुसपैठ कर चुके हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक बालटाल रूट पर कंगन नाम की जगह पर आतंकी यात्रा को निशाना बना सकते हैं. सभी लश्कर आतंकियों को तीन तीन के गुट में कंगन की तरफ बढ़ने का अंदेशा है. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने 'केल लांच पैड से आतंकियों की घुसपैठ कराई है.
सेना, अर्धसैनिक बलों, राज्य पुलिस और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के लगभग 40,000 सुरक्षाकर्मी यात्रा ड्यूटी पर तैनात किए गए हैं. इसके अतिरिक्त अमरनाथ यात्रा में पहली बार रेडियो फ्रिक्वेंसी लगे यात्रा वाहन, ड्रोन के जरिए निगरानी और कमांडो के मोटरसाइकिल दस्ते को भी यात्रा मार्ग पर तैनात किया गया है.
पिछले वर्ष अमरनाथ यात्रियों की बस पर अनंतनाग जिले में आतंकियों ने हमला किया था. इस हमलें में आठ यात्रियों की मौत हो गई थी जबकि 19 घायल हुए थे. आतंकियों ने बस को घेरकर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं थीं. सभी मृतक गुजरात और महाराष्ट्र के थे.
बता दें कि समुद्र तल से 12,756 फुट की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा में बर्फ का शिवलिंग निर्मित होता है, जिसके दर्शन के लिए श्रद्धालु प्रतिवर्ष वहां उमड़ते हैं. इस यात्रा में शामिल होने के लिए देशभर के अलग-अलग हिस्सों से भारी तादात में भक्त आते है. यह तीर्थयात्रा बालटाल और पहलगाम से शुरू हुई. दोनों ही जगह पर शिविर स्थल बनाया गया था.