Himachal Pradesh Politics: क्या हिमाचल में गिर जाएगी कांग्रेस की सरकार? पूर्व सीएम जयराम ठाकुर के राज्यपाल से मिलने के बाद प्रदेश में सियासी हलचल बढ़ी- VIDEO
हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा की एकमात्र सीट के लिए अपने छह विधायकों की क्रॉस वोटिंग के कारण सत्तारूढ़ काँग्रेस की अपमानजनक हार के बाद नेता प्रतिपक्ष भाजपा के जय राम ठाकुर बुधवार सुबह राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से मिलेंगे और जारी बजट सत्र में सरकार के खिलाफ शक्ति परीक्षण की मांग करेंगे.
शिमला, 28 फरवरी : हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा की एकमात्र सीट के लिए अपने छह विधायकों की क्रॉस वोटिंग के कारण सत्तारूढ़ काँग्रेस की अपमानजनक हार के बाद नेता प्रतिपक्ष भाजपा के जय राम ठाकुर बुधवार सुबह राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से मिलेंगे और जारी बजट सत्र में सरकार के खिलाफ शक्ति परीक्षण की मांग करेंगे. विधानसभा के कार्यक्रम के अनुसार, 2024-25 का बजट बुधवार को पारित किया जाना है. सत्र के दौरान भाजपा सदन में ध्वनि मत की बजाय मतदान की मांग करेगी, क्योंकि उसके अनुसार कांग्रेस सरकार "अल्पमत" में है.
छह कांग्रेसी और तीन निर्दलीय विधायकों सहित नौ विधायकों के बाद सदन में भाजपा की संख्या 25 से बढ़कर 34 हो गई. वहीं काँग्रेस के विधायकों की संख्या 40 से घटकर रह गई है. इस प्रकार 68 सदस्यीय सदन में दोनों खेमा बराबर रह गया है. राज्यसभा सीट के लिए हुए मतदान में कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी और भाजपा के हर्ष महाजन दोनों को 34-34 वोट मिले थे. हालांकि ड्रॉ के जरिए महाजन ने जीत हासिल की. यह भी पढ़े : Rajya Sabha Election 2024: यूपी में भाजपा को 8 सीटें, सपा को 2 पर जीत मिली
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एक आश्चर्यजनक उलटफेर में क्रॉस वोटिंग करने वाले छह कांग्रेस विधायकों में सुधीर शर्मा (धर्मशाला) और राजिंदर राणा (सुजानपुर) शामिल थे. दोनों मंत्री पद के इच्छुक थे. उनके साथ इंद्र दत्त लखनपाल (बड़सर); रवि ठाकुर (लाहौल-स्पीति); चैतन्य शर्मा (गगरेट); और देवेंदर भुट्टो (कुटलैहड़) ने भी भाजपा के पक्ष में वोट किया.
कांग्रेस ने क्रॉस वोटिंग से पैदा संकट को सुलझाने के लिए मंगलवार देर रात अपने वरिष्ठ नेताओं भूपिंदर सिंह हुड्डा और डी.के. शिवकुमार को शिमला भेजा. संभावना है कि कम से कम चार से पांच और कांग्रेस विधायक बजट पारित होने पर मतदान के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के खिलाफ मतदान करेंगे क्योंकि वे उनकी टकराववादी शैली और विधायकों को विश्वास में लेने में असमर्थता से नाराज हैं.