Himachal Pradesh: नाबालिग लड़की से दुष्कर्म और हत्या के मामले में दोषी को उम्रकैद

शिमला की एक विशेष अदालत ने दुष्कर्म के एक मामले में शुक्रवार को अनिल कुमार उर्फ ??नीलू को उसके प्राकृतिक जीवन के अंत तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई. अदालत ने 2017 में हिमाचल प्रदेश के कोटखाई इलाके में एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में अनिल पर 10,000 रुपये का जुमार्ना भी लगाया.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: IANS)

शिमला, 19 जून : शिमला की एक विशेष अदालत ने दुष्कर्म के एक मामले में शुक्रवार को अनिल कुमार उर्फ ??नीलू को उसके प्राकृतिक जीवन के अंत तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई. अदालत ने 2017 में हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के कोटखाई इलाके में एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में अनिल पर 10,000 रुपये का जुमार्ना भी लगाया. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के प्रवक्ता ने कहा कि विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) ने कुमार को उसके शेष प्राकृतिक जीवन तक आजीवन कारावास और कोटखाई में एक नाबालिग लड़की के दुष्कर्म और हत्या से संबंधित मामले में 10,000 रुपये के जुमार्ने की सजा सुनाई. .

सीबीआई ने 19 जुलाई, 2017 को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट की ओर से सुनाए आदेश पर 22 जुलाई, 2017 को मामला दर्ज किया था. हलैला के जंगल में नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म व हत्या के आरोप में इससे पहले शिमला जिले के कोटखाई थाना में दुष्कर्म व हत्या का मामला दर्ज किया गया था. एजेंसी के अधिकारी ने बताया कि इस मामले में स्थानीय पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया है. अधिकारी ने कहा कि मामले की हर समय निगरानी की जा रही थी, जिसकी अदालत भी निगरानी कर रही थी. यह भी पढ़ें : Road Accident: मुजफ्फरनगर में सड़क हादसे में दिल्ली निवासी दो लोगों की मौत

उन्होंने कहा, जांच के दौरान यह पाया गया कि पीड़िता के साथ दुष्कर्म और हत्या का आरोपी कुमार पेशे से लकड़हारा था. उन्होंने कहा कि यह मामला बहुत ही चुनौतीपूर्ण रहा, जिसमें लोगों की भावनाएं भी शामिल रहीं. अधिकारी ने कहा, इस मामले में कोई चश्मदीद गवाह नहीं था. अपराध ऐसे घने जंगल में अंजाम दिया गया, जहां कोई व्यक्ति भी नहीं था. आरोपी घटनास्थल के क्षेत्र का नहीं था और उक्त अपराध के बाद अक्सर अपना ठिकाना भी बदलता रहता था. अन्य सबूतों के साथ, डीएनए प्रोफाइलिंग के माध्यम से अपराध में आरोपी की संलिप्तता स्थापित की गई. यह भी पढ़ें : संसदीय समिति ने ट्विटर से कहा, देश का कानून सर्वोपरि है, आपकी नीति नहीं

उन्होंने कहा कि सीबीआई ने गहन जांच के बाद आरोपी कुमार के खिलाफ विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो), शिमला की अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया. उन्होंने कहा, सीबीआई जांच से यह भी पता चला है कि राज्य पुलिस द्वारा पहले गिरफ्तार किए गए 6 आरोपी अपराध में शामिल नहीं थे. उन्होंने बताया कि सभी मौखिक, दस्तावेजी, वैज्ञानिक, चिकित्सा और परिस्थितिजन्य साक्ष्य आदि पर विचार करने के बाद ट्रायल कोर्ट ने कुमार को दोषी पाया और इस साल 28 अप्रैल को उसे दोषी ठहराया गया था. नाबालिग लड़की के दुष्कर्म और हत्या के इस मामले को लेकर समाज के विभिन्न वर्गों में गुस्सा फूट पड़ा था.

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