Budget 2022 Highlights: आम बजट में किस सेक्टर को क्या मिला? यहां जानिए विस्तार से
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Photo Credits: ANI)

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में केंद्रीय बजट 2022-23 पेश किया. आम बजट में सूक्ष्म आर्थिक स्तर पर सभी समेकित कल्याण पर ध्यान देने के साथ बृहद आर्थिक स्तर वृद्धि पर जोर देने की कल्पना की गई है. अपने बजट भाषण में उन्होंने कहा कि देश में आर्थिक गतिविधियों में आई तीव्र बहाली से वर्ष 2021-22 की वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत रह सकती है.

बजट की मुख्य बातें निम्न हैं-

  • भारत की आर्थिक वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत अनुमानित है, जो सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है.
  • 14 क्षेत्रों में उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना के तहत 60 लाख नए रोजगार का सृजन होगा.
  • पीएलआई योजना में 30 लाख करोड़ रुपए के अतिरिक्त उत्पादन बढ़ाने की क्षमता है.
  • अगले 25 साल भारत@100 के अमृत काल में प्रवेश करते हुए बजट में 4 प्राथमिकताओं में विकास पर जोर दिया गया हैः
  • पीएम गतिशक्ति
  • समेकित विकास
  • उत्पाद संवर्धन एवं निवेश, सनराइज अवसर, ऊर्जा संक्रमण और जलवायु कार्य
  • निवेश को वित्तीय मदद

पीएम गतिशक्तिः

पीएम गतिशक्ति को बढ़ावा देने वाले 7 कारक  सड़क, रेल मार्ग, हवाई मार्ग, विमानपत्तन, माल परिवहन, जल मार्ग और लॉजिस्टिक अवसंरचना हैं.

पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान

  • पीएम गतिशक्ति मास्टर प्लान के दायरे में आर्थिक बदलाव के सभी 7 कारक, निर्बाध बहुपक्षीय कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक के दायरे में आ जाएंगे.
  • राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन में इन 7 कारकों से जुड़ी परियोजनाओं को पीएम गतिशक्ति फ्रेमवर्क से जोड़ दिया जाएगा.

सड़क परिवहन

  • राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क में 2022-23 में 25000 किलोमीटर का विस्तार दिया जाएगा.
  • राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क में विस्तार के लिए 20000 रुपए जुटाए जाएंगे.

मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क

2022-23 में 4 स्थानों पर मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क बनाने के लिए पीपीपी प्रारूप के जरिए संविदाएं प्रदान की जाएंगी.

रेल मार्ग

  • स्थानीय व्यापार और आपूर्ति श्रृंखलाओं को बढ़ाने के लिए एक स्टेशन एक उत्पाद की संकल्पना.
  • 2022-23 में देसी विश्व स्तरीय प्रौद्योगिकी और क्षमता वृद्धि कवच के तहत रेल मार्ग नेटवर्क में 2000 किलोमीटर जोड़ा जाएगा.
  • अगले 3 साल के दौरान 400 उत्कृष्ट वंदे भारत रेलगाड़ियों का निर्माण होगा.
  • अगले 3 साल के दौरान मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक के लिए 100 पीएम गतिशक्ति कार्गो टर्मिनल विकसित किए जाएंगे.

पर्वतमाला

  • राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम, पर्वतमाला को पीपीपी प्रारूप में लाया जाएगा.
  • 2022-23 में 60 किलोमीटर लंबी 8 रोपवे परियोजनाओं के लिए संविदाएं प्रदान की जाएंगी.

समेकित विकास

कृषि

  • गेहूं और धान की खरीद के लिए 1.63 करोड़ किसानों को 2.37 लाख करोड़ रुपए का सीधा भुगतान.
  • देशभर में रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा. शुरू में गंगा नदी से सटे 5 किलोमीटर की चौड़ाई तक के गलियारे वाले किसानों की जमीनों पर ध्यान दिया जाएगा.
  • नाबार्ड कृषि और ग्रामीण उद्यम से जुड़े स्टार्टप्स को वित्तीय मदद के लिए मिश्रित पूंजी कोष की सुविधा देगा.
  • फसलों के आकलन, भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण, कीटनाशकों एवं पोषक तत्वों के छिड़काव के लिए “किसान ड्रोन.“

केन बेतवा परियोजना

  • केन-बेतवा लिंक परियोजना के क्रियान्वयन के लिए 1400 करोड़ परिव्यय.
  • केन-बेतवा लिंक परियोजना से किसानों की 9.08 लाख हेक्टेयर जमीनों को सिंचाई की सुविधा मिलेगी.

एमएसएमई

  • उद्यम, ई-श्रम, एनसीएस और असीम पोर्टलों को आपस में जोड़ा जाएगा.
  • 130 लाख एमएसएमई को इमरजेंसी क्रेडिट लिंक्ड गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत अतिरिक्त कर्ज दिया गया.
  • ईसीएलजीएस को मार्च 2023 तक बढ़ाया जाएगा.
  • ईसीएलजीएस के तहत गारंटी कवर को 50000 करोड़ रुपए बढ़ाकर कुल 5 लाख करोड़ कर दिया जाएगा.
  • सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों को सूक्ष्म एवं लघु उद्यम क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट (सीजीटीएमएसई) के तहत 2 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त क्रेडिट दिया जाएगा.
  • रेजिंग एंड एसिलेरेटिंग एमएसएमई परफोर्मेंस (आरएएमपी) प्रोग्राम 6000 करोड़ रुपए के परिव्यय से शुरू किया जाएगा.

कौशल विकास

  • ऑनलाइन प्रशिक्षण के जरिए नागरिकों की कुशलता बढ़ाने के लिए डिजिटल इकोसिस्टम फॉर स्किलिंग एंड लिवलीहुड (डीईएसएच-स्टैक ई-पोर्टल) लॉन्च किया जाएगा.
  • ‘ड्रोन शक्ति’ की सुविधा और सेवा के रूप में ड्रोन (डीआरएएएस) के लिए स्टार्टप्स को बढ़ावा दिया जाएगा.

शिक्षा

  • पीएम ई-विद्या के एक कक्षा एक टीवी चैनल कार्यक्रम को 200 टीवी चैनलों पर दिखाया जाएगा.
  • महत्वपूर्ण चिंतन कौशल और प्रभावी शिक्षण वातावरण को बढ़ावा देने के लिए वर्चुअल प्रयोगशाला और कौशल ई-प्रयोगशाला की स्थापना.
  • डिजिटल शिक्षकों के माध्यम से पढ़ाई के लिए उच्च गुणवत्ता वाली ई-कंटेंट विकसित किया जाएगा.
  • व्यक्तिगत तौर पर पढ़ाई करने के लिए विश्व स्तरीय शिक्षा के लिए डिजिटल विश्व विद्यालय की स्थापना की जाएगी.

स्वास्थ्य

  • राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य इकोसिस्टम के लिए खुला मंच शुरू किया जाएगा.
  • गुणवत्तापूर्ण मानसिक स्वास्थ्य परामर्श और देखरेख सेवाओं के लिए राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम शुरू किया जाएगा.
  • 23 टेली मानसिक स्वास्थ्य केंद्रों का एक नेटवर्क स्थापित किया जाएगा. इसका नोडल सेंटर निम्हांस (एनआईएमएचएएनएस) होगा और अंतर्राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान बेंगलुरू (आईआईआईटीबी) इसे प्रौद्योगिकी सहायता देगा.

सक्षम आंगनबाड़ी

  • मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य, सक्षम आंगनबाड़ी और पोषण 2.0 के जरिए महिलाओं और बच्चों को एकीकृत लाभ प्रदान किए जाएंगे.
  • दो लाख आंगनवाडि़यों को सक्षम आंगनवाडि़यों में उन्‍नयन

हर घर,  नल से जल

हर घर, नल से जल के तहत वर्ष 2022-23 में 3.8 करोड़ परिवारों को शामिल करने के लिए 60,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए.

सभी के लिए आवास

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत वर्ष 2022-23 में 80 लाख घरों को पूरा करने के लिए 48 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए.

पूर्वोत्‍तर क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री की विकास पहल

  • पूर्वोत्‍तर में बुनियादी ढांचे एवं सामाजिक विकास परियोजनाओं और वित्‍त पोषण के लिए नई योजना पीएम-डीईवीआईएनई शुरू की गई.
  • इस योजना के तहत युवा और महिलाओं को आजीविका गतिविधियों में समर्थ बनाने के लिए 1500 करोड़ रुपये का शुरूआती आवंटन.

जीवंत ग्राम कार्यक्रम

उत्‍तर सीमा पर छिटपुट आबादी, सीमित सम्‍पर्क और बुनियादी ढांचे वाले सीमावर्ती गांवों के विकास के लिए जीवंत ग्राम कार्यक्रम.

बैंकिंग

  • शत-प्रतिशत 1.5 लाख डाकघरों को मुख्‍य बैंकिंग प्रणाली में शामिल किया जाएगा.
  • अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक 75 जिलों में 75 डिजि‍टल बैंकिंग इकाइयां (डीबीयू) स्‍थापित करेंगे.

ई-पासपोर्ट

इम्‍बेडेड चिप और भावी प्रौद्योगिकी वाले ई-पासपोर्ट शुरू किए जाएंगे.

शहरी नियोजन

  • भवन उपनियमों शहरी नियोजन योजना, पारगमन उन्‍मुखी विकास का आधुनिकीकरण लागू किया गया जाएगा.
  • शहरी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर चार्जिंग स्‍टेशन स्‍थापित करने के लिए बैट्री अदला-बदला नीति लाई जाएगी.

भूमि रिकॉर्ड प्रबंधन

भूमि के रिकॉर्ड के आईटी आधारित प्रबंधन के लिए विशिष्‍ट भूमि पार्सल पहचान संख्‍या.

त्‍वरित कॉरपोरेट बहिर्गमन

कंपनियों को तेजी से बंद करने के लिए सेन्‍टर फॉर प्रोसेसिंग एक्सिलरेटिड कॉरपोरेट एक्जिट (सी-पीएसी) स्‍थापित.

एवीजीसी संवर्द्धन कार्य बल

इस क्षेत्र की संभावना का पता लगाने के लिए एक एनीमेशन, विजुअल प्रभाव, गेमिंग और कॉमिक (एवीजीसी) संवर्द्धन कार्य बल की स्‍थापना.

दूरसंचार क्षेत्र

उत्‍पादन से जुड़ी प्रोत्‍साहन योजना के एक हिस्‍से के रूप में 5जी के लिए एक मजबूत इको-सिस्‍टम स्‍थापित करने के लिए डिजाइन जनहित विनिर्माण के लिए योजना.

निर्यात संवर्द्धन

उद्यम एवं सेवा केन्‍द्रों के विकास में भागीदारी बनने के लिए राज्‍यों को समर्थ बनाने हेतु विशेष आर्थिक जोन अधिनियम को एक नए विधान से प्रतिस्‍थापित किया जाएगा.

रक्षा में आत्‍मनिर्भरता

  • 2022-23 में घरेलू उद्योग के लिए निर्धारित पूंजीगत खरीदारी बजट का 68 प्रतिशत निर्धारित किया गया, जो 2021 में 58 प्रतिशत के मुकाबले अधिक है.
  • 25 प्रतिशत रक्षा अनुसंधान विकास बजट के साथ उद्योग स्‍टार्टअप्‍स और शिक्षा के लिए रक्षा अनुसंधान विकास खोला जाएगा.
  • जांच और प्रमाणीकरण जरूरतों को पूरा करने के लिए स्‍वतंत्र नोडल अम्‍ब्रेला निकाय स्‍थापित किया जाएगा.

सनराइज अवसर

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, भू-स्‍थानिक प्रणालियों और ड्रोनों, सेमीकंडक्‍टर और इसके इको-सिस्‍टम अंतरिक्ष अर्थव्‍यवस्‍था, जीनोमिक्‍स और फार्मास्‍युटिकल्‍स हरित ऊर्जा और स्‍वच्‍छ गतिशीलता प्रणालियों जैसे सनराइज अवसरों में अनुसंधान और विकास के लिए सरकारी योगदान उपलब्‍ध कराया जाएगा.

ऊर्जा पारगमन और जलवायु कार्रवाई

  • वर्ष 2030 तक स्‍थापित सौर विद्युत का 280 गीगावॉट लक्ष्‍य हासिल करने के लिए उच्‍च दक्षता के सौर मॉड्यूल्‍स के निर्माण के लिए उत्‍पादन से जुड़े प्रोत्‍साहन के लिए 19,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्‍त आवंटन.
  • ताप‍ विद्युत संयंत्रों में 5 से 7 प्रतिशत बायोमास पैलेट्स फॉयर किए जाएंगे.
  • वार्षिक रूप से 38 एमएमटी कार्बनडाई ऑक्‍साइड की बचत.
  • किसानों के लिए अतिरिक्‍त आय और स्‍थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर.
  • खेतों में पराली जलाने से रोकने में मदद मिलेगी.

कोयला गैसीकरण करने तथा उद्योग के लिए कोयले को रसायनों में परिवर्तित करने के लिए चार पायलट परियोजनाओं की स्‍थापना की जाएगा.

कृषि वानिकी अपनाने वाले अनुसूचित जाति और जनजातियों से संबंधित किसानों को वित्‍तीय सहायता.

सार्वजनिक पूंजीगत निवेश

  • 2022-23 में निजी निवेश और मांग को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक निवेश को जारी रखना.
  • वर्ष 2022-23 में पूंजीगत व्‍यय के लिए परिव्‍यय 35.4 प्रतिशत तेजी से बढ़कर 7.50 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो मौजूदा वर्ष में 5.54 लाख करोड़ रुपये था.
  • वर्ष 2022-23 में परिव्‍यय सकल घरेलू उत्‍पाद का 2.9 प्रतिशत रहेगा.
  • केन्‍द्र सरकार का प्रभावी पूंजीगत व्‍यय 2022-23 में 10.68 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो जीडीपी का लगभग 4.1 प्रतिशत है.

जीआईएफटी-आईएफएससी

  • जीआईएफटी शहर में विश्‍वस्‍तरीय विदेशी विश्‍वविद्यालयों और संस्‍थानों को अनुमति दी जाएगी.
  • अंतर्राष्‍ट्रीय अधिकांश क्षेत्र के तहत विवादों के समय पर निपटान के लिए एक अंतर्राष्‍ट्रीय मध्‍यस्‍थता केन्‍द्र की स्‍थापना की जाएगी.

संसाधनों को जुटाना

  • डेटा केन्‍द्रों और ऊर्जा भंडार प्रणालियों को बुनियादी ढांचे का दर्जा दिया जाएगा.
  • उद्यम पूंजी और निजी इक्विटी ने पिछले साल 5.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया और एक सबसे बड़े स्‍टार्टअप और विकास इको-सिस्‍टम में सुविधा प्रदान की. इस निवेश को बढ़ाने के लिए उपाय किये जा रहे हैं.
  • सनराइज क्षेत्रों के लिए बलेंडिंड निधियों को बढ़ावा दिया जाएगा.
  • हरित बुनियादी ढांचे के लिए संसाधन जुटाने के लिए सॉवरिन ग्रीन बॉण्‍ड जारी किए जाएंगे.

डिजिटल रूपया

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा डिजिटल रूपए की शुरूआत 2022-23 में की.

राज्‍यों को वृहद राजकोषीय स्‍पेस उपलब्‍ध कराना

  • पूंजीगत निवेश के लिए राज्‍यों को वित्‍तीय सहायता की योजना के लिए अधिक परिव्यय :
  • यह परिव्‍यय बजट अनुमानों में 10 हजार करोड़ रुपये था, जो वर्तमान वर्ष के लिए संशोधित अनुमानों में 15 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया.

अर्थव्‍यवस्‍था में समग्र प्रोत्‍साहन के लिए राज्‍यों को सहायता के लिए वर्ष 2022-23 में एक लाख करोड़ रुपये का आवंटन, 50 वर्षीय ब्‍याज मुक्‍त ऋण प्रदान करना, जो सामान्‍य ऋण के अतिरिक्‍त है. 2022-23 में राज्‍यों को जीएसडीपी के 4 प्रतिशत का वित्‍तीय घाटे की अनुमति होगी, जिसका 0.5 प्रतिशत विद्युत क्षेत्र सुधारों में उपयोग किया जाएगा.

राजकोषीय प्रबंधन

  • बजट अनुमान 2021-22 : 34.83 लाख करोड़ रुपये
  • संशोधित अनुमान 2021-22 : 37.70 लाख करोड़ रुपये
  • वर्ष 2022-23 में कुल अनुमानित व्‍यय : 39.45 लाख करोड़ रुपये
  • वर्ष 2022-23 में उधारी के अलावा कुल प्राप्तियां : 22.84 लाख करोड़ रुपये
  • चालू वित्‍त वर्ष में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.9 प्रतिशत (बजट अनुमानों में 6.8 प्रतिशत की तुलना में)
  • वर्ष 2022-23 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.4 प्रतिशत अनुमानित.

प्रत्यक्ष कर

स्थिर एवं संभावित कर व्यवस्था संबंधी नीति को आगे बढ़ाया जाएगा :

  • विश्वसनीय कर व्यवस्था स्थापित करने का दृष्टिकोण.
  • कर प्रणाली को सरल बनाना और मुकदमेबाजी को कम करना.

नई ‘अद्यतनीकृत विवरणी’ का चलन शुरू करना

  • अतिरिक्त कर की अदायगी करके अद्यतन विवरणी दाखिल करने के लिए नया प्रावधान.
  • करदाता को आय के आकलन में की गई गलतियों को सुधार कर अद्यतन विवरणी दाखिल करने का अवसर मिलेगा.
  • अद्यतन विवरणी संबंधित आकलन वर्ष के अंत से दो वर्षों के भीतर दाखिल की जा सकती है.

सहकारी समितियां

  • सहकारी समितियों के लिए वैकल्पिक न्यूनतम कर भुगतान को 18.5 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत किया गया.
  • सहकारी समितियों और कंपनियों के लिए समान अवसर उपलब्ध होंगे.
  • उन सहकारी समितियों के लिए अधिभार की मौजूदा दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत किया गया, जिनकी कुल आमदनी एक करोड़ रुपये से अधिक और 10 करोड़ रुपये तक है.

दिव्यांगजनों को कर राहत

दिव्यांग आश्रितों को उनके माता-पिता/अभिभावकों के जीवनकाल के दौरान यानी माता-पिता/अभिभावकों के साठ वर्ष की आयु प्राप्त करने पर भी बीमा योजनाओं से वार्षिकी और एकमुश्त राशि की अदायगी की अनुमति.

राष्ट्रीय पेंशन योजना के योगदान में समानता

  • राज्य सरकार के कर्मचारियों के एनपीएस खाते में नियोक्ता के योगदान पर कर कटौती की सीमा को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने का प्रस्ताव.
  • इससे राज्य सरकार के कर्मचारियों को केन्द्रीय कर्मचारियों के समान सुविधा प्रदान करने में मदद मिलेगी.
  • राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा लाभ को बढ़ाने में मदद मिलेगी.

स्टार्टअप के लिए प्रोत्साहन

  • कर प्रोत्साहन उपलब्ध कराने के लिए पात्र स्टार्टअप के निगमन की अवधि को एक साल बढ़ाकर 31.03.2023 तक करने का प्रस्ताव.
  • पहले निगमन की अवधि 31.03.2022 तक वैध.

रियायती कर व्यवस्था के अंतर्गत प्रोत्साहन

धारा 115बीएबी के तहत विनिर्माण एवं उत्पादन शुरू करने की अंतिम तिथि को एक साल के लिए यानी 31 मार्च, 2023 से बढ़ाकर 31 मार्च, 2024 कर दिया गया है.

वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्तियों के कराधान के लिए योजना

  • वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्तियों के लिए विशेष कर प्रणाली लागू की गई.
  • किसी भी वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्ति के हस्तांतरण से होने वाली आय पर कर दी दर 30 प्रतिशत होगी.
  • इस प्रकार की आय की गणना करते समय अधिग्रहण लागत को छोड़कर को किसी भी खर्च अथवा भत्ते के लिए कटौती नहीं होगी.
  • वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्ति के हस्तांतरण से हुए नुकसान की भरपाई किसी अन्य आय से नहीं की जा सकती.
  • लेन-देन के विवरण के लिए वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्ति के हस्तांतरण के संबंध में किए गए भुगतान पर एक निश्चित मौद्रिक सीमा से ऊपर की रकम के लिए 1 प्रतिशत की दर से टीडीएस देय होगा.
  • वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्ति के उपहार पर भी प्राप्तकर्ता के यहाँ कर देय होगा.

मुकदमा प्रबंधन

  • यदि किसी मामले में कानून उसी तरह का हो जिससे संबंधित कोई मामला उच्च न्यायालय अथवा सर्वोच्च न्यायालय में लंबित हो तो विभाग द्वारा अपील दायर करने की प्रक्रिया को अदालय द्वारा उस कानून के संबंध में फैसला दिये जाने तक टाल दिया जाए.
  • करदाताओं और विभाग के बीच दोहरायी जाने वाली मुकदमेबाजी को कम करने में इससे काफी मदद मिलेगी.

आईएफएससी को कर प्रोत्साहन

निम्नलिखित को निर्धारित शर्तों के साथ कर से छूट प्रदान की गई :

  • विदेशी डेरीवेटिव प्रपत्रों से किसी प्रवासी को कोई आमदनी.
  • किसी विदेशी बैंकिंग इकाई द्वारा जारी काउंटर डेरीवेटिव्स से होने वाली आय.
  • जहाज के पट्टे से मिली रायलटी एवं ब्याज आय.
  • आईएफएससी में पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं से प्राप्त आय.

अधिभार का यौक्तिकीकरण

  • एओपी (अनुबंध के निष्पादन के लिए गठित कंसोर्टियम) पर अधिभार की उच्चतम सीमा 15 प्रतिशत निर्धारित की गई है.
  • व्यक्तिगत कंपनियों और एओपी के बीच अधिभार में अंतर को कम किया गया है.
  • किसी भी प्रकार की परिसंपत्ति के हस्तांतरण से होने वाले दीर्घावधि पूंजीगत लाभ पर अधिभार की अधिकतम सीमा 15 प्रतिशत होगी.
  • इससे स्टार्ट-अप समुदाय को नुकसान मिलेगा.

स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर

आय और मुनाफे पर किसी भी अधिभार अथवा उपकर को कारोबारी खर्च की श्रेणी में रखने की अनुमति नहीं होगी.

कर-वंचन की रोकथाम

तलाशी एवं सर्वेक्षण कार्रवाइयों के दौरान पता लगे और प्रकट आए के संबंध में किसी भी प्रकार की हानि के प्रति समंजन की अनुमति नहीं दी जाएगी.

टीडीएस प्रावधानों को युक्तिसंगत बनाना

  • कारोबार को बढ़ावा देने की रणनीति के तहत हित लाभ एजेंटों के हाथों में कर योग्य होते है, इसलिए लाभ एजेंटों तक अग्रसारित किया जाएगा.
  • हित लाभ देने वाले व्यक्ति द्वारा कर कटौती के लिए उपबंध करने का प्रस्ताव होगा, बशर्ते वित्त वर्ष के दौरान ऐसे हितलाभों का कुल मूल्य 20,000 रुपये से अधिक न हो.

अप्रत्यक्ष कर

जीएसटी में असाधारण प्रगति

वैश्विक महामारी के बावजूद जीएसटी राजस्व में उछाल है. इस बढ़ोतरी के लिए करदाता सराहना के पात्र है.

विशेष आर्थिक क्षेत्र

एसईजेड का सीमा शुल्क प्रशासन पूरी तरह आईटी से संचालित होगा और कस्टम्स नेशनल पोर्टल पर कार्य करेगा, जिसे 30 सितंबर, 2022 से क्रियान्वित किया जाएगा.

सीमा शुल्क सुधार एवं शुल्क दर में बदलाव

फेसलेस सीमा शुल्क पूरी तरह स्थापित कर दिया गया है. कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान सीमा शुल्क संगठनों ने चपलता और संकल्प प्रदर्शित करते हुए सभी मुश्किलों के प्रति असाधारण फ्रंट लाइन कार्य किया है.

परियोजनागत आयात एवं पूंजीगत वस्तुएं

पूंजीगत वस्तुओं और परियोजनागत आयातों में रियायती दरों को क्रमिक रूप से हटाने और 7.5 प्रतिशत असाधारण शुल्क लगाने का प्रस्ताव. इससे घरेलू क्षेत्र और ‘मेक इन इंडिया’ के विकास को बढ़ावा मिलेगा.

उन उन्नत मशीनरियों के लिए कतिपय छूट बनी रहेंगी, जिनका देश के भीतर विनिर्माण नहीं किया जाता है.

विशेषीकृत कॉस्टिंग्स, बॉल स्क्रू और लीनियर मोशन गाइड पर कुछेक छूट देने का चलन शुरू किया जा रहा है ताकि पूंजीगत वस्तुओं के घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित किया जा सके.

सीमा शुल्क छूट एवं शुल्क सरलीकरण की समीक्षा

350 से अधिक प्रस्तावित छूट प्रविष्टियों को धीरे-धीरे हटाए जाने का प्रस्ताव है. इनमें कई कृषि उत्पाद, रसायन, वस्त्र, चिकित्सा उपकरण और दवाएं शामिल हैं जिनके लिए पर्याप्त घरेलू क्षमता मौजूद है.

विशेषकर रसायन, कपड़ा और धातु जैसे क्षेत्रों के लिए सीमा शुल्क दर एवं शुल्क दर संरचना सरल हो जाएंगी और विवाद कम हो जाएगा. जो वस्तुएं भारत में विनिर्मित की जाती है या की जा सकती है उनके लिए छूट हटाने से और अर्धनिर्मित उत्पादों के विनिर्माण में प्रयुक्त होने वाले कच्चे माल पर रियायती शुल्क लगाने से ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के हमारे लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी.

क्षेत्र विशेष प्रस्‍ताव

इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स क्षेत्र

देश में पहनने वाले उपकरणों, सुने जा सकने वाले उपकरणों और इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स स्‍मार्ट मीटरों के निर्माण को सुविधाजनक बनाने हेतु श्रेणीबद्ध दरें तय करने के लिए सीमा शुल्‍क दरों में संशोधन किया जाएगा.

देश में ज्‍यादा वृद्धि दर वाले इलेक्‍ट्रॉनिक वस्‍तुओं का निर्माण करने के लिए मोबाइल फोन के चार्जर के ट्रांसफॉर्मर के कलपुर्जों और मोबाइल कैमरा मॉड्यूल के कैमरा लेंस और कुछ अन्‍य वस्‍तुओं पर शुल्‍क में छूट दी जाएगी.

रत्‍न एवं आभूषण

रत्‍न व आभूषण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए तराशे एवं पॉलिश किए गए हीरों और रत्‍न पत्‍थरों पर सीमा शुल्‍क घटाकर 5 प्रतिशत किया जा रहा है; केवल तराशे गए हीरे पर कुछ भी सीमा शुल्‍क नहीं लगेगा.

ई-कॉमर्स के जरिए आभषूण निर्यात को सुविधाजनक बनाने के लिए एक सरल नियामकीय रूपरेखा इस वर्ष जून तक लागू की जाएगी.

कम मूल्‍य वाले इमिटेशन आभूषण का आयात हतोत्‍साहित करने के लिए इमिटेशन आभूषण के आयात पर प्रति किलो कम-से-कम 400 रुपये का सीमा शुल्‍क लगाया जाएगा.

रसायन

कुछ महत्‍वपूर्ण रसायनों यथा मेथानॉल, एसि‍टिक एसिड और पेट्रोलियम शोधन से जुड़े हेवी फीड स्‍टॉक पर सीमा शुल्‍क घटाया जा रहा है; देश में पर्याप्‍त क्षमता वाले सोडियम साइ‍नाइड पर सीमा शुल्‍क बढ़ाया जा रहा है- इससे देश में मूल्‍यवर्धन करने में मदद मिलेगी.

एमएसएमई

  • छतरी पर सीमा शुल्‍क बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया जा रहा है. छतरी के कलपुर्जों पर दी जा रही शुल्‍क छूट को वापस लिया जा रहा है.
  • भारत में निर्मित किए जाने वाले कृषि क्षेत्र से जुड़े कलपुर्जों पर दी जा रही शुल्‍क छूट को तर्कसंगत बनाया जा रहा है.
  • पिछले साल स्‍टील स्‍क्रैप पर दी गई सीमा शुल्‍क छूट अब एक साल और दी जाएगी, ताकि एमएसएमई से जुड़े द्वितीयक इस्‍पात उत्‍पादकों को राहत मिल सके.
  • स्‍टेनलेस स्‍टील एवं इस्‍पात के कोटेड चौरस उत्‍पादों, एलॉय स्‍टील एवं हाई-स्‍पीड स्‍टील की छड़ों पर कुछ एंटी-डंपिंग शुल्‍क एवं सीवीडी को वापस लिया जा रहा है, ताकि जन हित में इस धातु की मौजूदा ऊंची कीमतों से निपटा जा सके.

निर्यात

  • निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कुछ वस्‍तुओं जैसे कि फास्‍टनर्स, बटन, जि‍पर, लाइनिंग मैटेरियल, विशेष चमड़ा, फर्नीचर फिटिंग्स एवं पैकेजिंग बॉक्‍स पर छूट दी जा रही हैं.
  • झींगा जलीय कृषि के लिए आवश्‍यक कुछ कच्‍चे माल पर शुल्‍क घटाया जा रहा है, ताकि इसके निर्यात को बढ़ावा दिया जा सके.

ईंधन के मिश्रण को बढ़ावा देने के लिए शुल्‍क संबंधी उपाय

गैर-मिश्रित ईंधन पर 1 अक्‍टूबर, 2022 से प्रति लीटर 2 रुपये का अतिरिक्‍त विभेदक उत्‍पाद शुल्‍क लगेगा, ताकि ईंधन के मिश्रण को बढ़ावा दिया जा सके.