Heat Wave Alert: मार्च में ही गर्मी ने तोड़े रिकॉर्ड, केरल में तापमान 54 डिग्री सेल्सियस के पार; हीट वेव से ऐसे करें बचाव
मार्च का महीना अभी आधा भी नहीं बीता है लेकिन केरल में भीषण गर्मी का दौर शुरू हो गया है. आपको जानकर हैरानी होगी कि केरल के कुछ हिस्सों में तापमान 54 डिग्री सेल्सियस के रिकॉर्ड स्तर को पार कर चुका है.
नई दिल्ली: मार्च का महीना अभी आधा भी नहीं बीता है लेकिन केरल में भीषण गर्मी का दौर शुरू हो गया है. आपको जानकर हैरानी होगी कि केरल के कुछ हिस्सों में तापमान 54 डिग्री सेल्सियस के रिकॉर्ड स्तर को पार कर चुका है. यहां मार्च की शुरुआत में ही भीषण गर्मी जीना बेहाल कर रही है. केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (KSDMA) द्वारा गुरुवार को तैयार की गई एक रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिणी राज्य के कुछ क्षेत्रों में 54 डिग्री सेल्सियस से अधिक का ताप सूचकांक (Heat Index) दर्ज किया गया है. Govt's Health Advisory For Heatwave: इस बार की गर्मी बरपाएगी कहर, पढ़िए स्वास्थ्य मंत्रालय की हीट वेव एडवाइजरी.
केरल में तापमान इतना अधिक है कि इससे हीट स्ट्रोक सहित कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. इतने अधिक तापमान से आने वाले दिनों में गंभीर बीमारियों और हीट स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ सकता है. ऐसे में बेहद जरूरी है कि हर कोई इस गर्मी से बचने के लिए विशेष उपाय करे.
केरल के तिरुवनंतपुरम जिले के दक्षिणी हिस्से और अलप्पुझा, कोट्टायम, कन्नूर जिलों के कुछ क्षेत्रों में 54 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान दर्ज किया गया है. तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, अलप्पुझा, कोट्टायम, एर्नाकुलम, कोझिकोड और कन्नूर में गुरुवार को 45 के बीच 54 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया. KSDMA के मुताबिक इन जगहों पर लंबे समय तक हीट स्ट्रोक हो सकता है.
इडुक्की और वायनाड के पहाड़ी जिलों के कुछ हिस्सों में ही तापमान 29 डिग्री सेल्सियस से नीचे है. वहीं पलक्कड़ में इस साल अब तक गर्मी का प्रकोप थोड़ा कम है, क्योंकि यहां तापमान 30-40 डिग्री सेल्सियस के आसपास है.
हीटवेव: क्या करें और क्या न करें
- धूप में घर से बाहर निकलने से बचें, खासकर दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच.
- पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं. अगर प्यास न लगी हो तब भी पानी पीएं और बॉडी को हाइड्रेट रखें.
- हल्के रंग के ढीले और सूती कपड़े पहनें.
- अधिक प्रोटीन वाले भोजन से परहेज करें और बासी भोजन न खाएं.
- शराब, चाय, कॉफी और कार्बोनेटेड शीतल पेय से बचें.
- पंखे, गीले कपड़ों का प्रयोग करें और ठंडे पानी से नहाएं.
- ओआरएस, घर का बना पेय जैसे लस्सी, तोरानी (चावल का पानी), नींबू पानी, छाछ आदि का प्रयोग करें जो शरीर को फिर से हाइड्रेट करने में मदद करता है.
क्यों जरूरी है हीट वेव से बचना
हीटवेव से शारीरिक तनाव हो सकता है जिसके कारण उनकी मृत्यु भी हो सकती है. इन सावधानियों को अपनाकर आप हीटवेव से बच सकते है.