Train Accident: झारखंड में बड़ा रेल हादसा टला, बोगियों से अलग होकर नदी में गिरा हटिया-राउरकेला पैसेंजर ट्रेन का इंजन, बाल-बाल बचे यात्री

झारखंड (Jharkhand) में बीती रात एक बड़ा रेल हादसा टल गया. हटिया-राउरकेला पैसेंजर (Hatia-Rourkela Passenger) ट्रेन का इंजन कनरवा स्टेशन (Kanaroan Railway Station) पार करते ही पटरी से उतर गया. गलीमत रही की इंजन बोगियों से अलग हो गया.

भारतीय रेल (Photo Credits: Twitter)

रांची: झारखंड (Jharkhand) में बीती रात एक बड़ा रेल हादसा टल गया. हटिया-राउरकेला पैसेंजर (Hatia-Rourkela Passenger) ट्रेन का इंजन कनरवा स्टेशन (Kanaroan Railway Station) पार करते ही पटरी से उतर गया. गलीमत रही की इंजन बोगियों से अलग हो गया. जिस वजह से बड़ी घटना नहीं हुई और कोई घायल नहीं हुआ है. हादसे के वक्त ट्रेन में कुल 84 यात्री सवार थे. बड़ा रेल हादसा टला, गरीबरथ एक्सप्रेस दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन के पास पटरी से उतरी- बाल बाल बचे सैकड़ों यात्री

मिली जानकारी के मुताबिक हटिया राउरकेला पैसेंजर ट्रेन बुधवार की रात हादसे का शिकार हुई और इसका इंजन डिब्बों से अलग होकर देव नदी में उतर गया. यह ट्रेन रांची के हटिया स्टेशन से शाम को राउरकेला के लिए रवाना हुई थी. रांची रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) नीरज अंबष्ट ने बताया कि ट्रेन का चालक भी दुर्घटना में बाल-बाल बचा गया.

डीआरएम नीरज अंबष्ट ने बताया कि यह दुर्घटना बानो रेलवे स्टेशन के ठीक बाद कनारोंवा रेलवे स्टेशन से हटिया-राउरकेला पैसेंजर ट्रेन के रवाना होते ही रात्रि आठ बजकर 18 मिनट पर घटित हुई. उन्होंने कहा कि घटना के कारणों का अभी पता नहीं चल सका है.'

घटनास्थल की तस्वीर-

डीआरएम ने बताया कि सात कोचों वाली यह ट्रेन कनारोंवा स्टेशन से लगभग सात सौ मीटर दूर ही दुर्घटनाग्रस्त हुई जिस वजह से ट्रेन की गति कम थी. उन्होंने बताया कि ट्रेन की गति कम होने की वजह से इंजन के अलावा यात्री कोच पटरी से नहीं उतरे और यात्रियों को कोई नुकसान नहीं हुआ.

डीआरएम अंबष्ट ने बताया कि दुर्घटनास्थल पर वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा गया है और दुर्घटना की जांच की जा रही है. घटना के बाद सारे यात्रियों को स्टेशन पर ही रूकवाया गया.

उल्लेखनीय है कि रेल दुर्घटना के कारण आखिरी यात्री की मौत मार्च 2019 में हुई थी. 2019-2021 के बीच तब से अब तक लगभग दो वर्षों में किसी भी यात्री की जान रेल दुर्घटना में नहीं गई है. हालांकि इस दौरान कई रेल हादसे हुए है. (एजेंसी इनपुट के साथ)

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