हरियाणा के सभी मेडिकल कॉलेजों में प्लाज्मा थैरपी से होगा कोरोना मरीजों का इलाज, ICMR ने दी मंजूरी

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने एक ट्वीट में कहा, "आईसीएमआर से मंजूरी मिलने के बाद हरियाणा COVID-19 रोगियों के उपचार के लिए अपने सभी मेडिकल कॉलेजों में प्लाज्मा थैरपी की शुरुआत करेगा."

COVID-19 के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी (Photo Credits: Pixabay)

चंडीगढ़: कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते खतरे के बीच हरियाणा (Haryana) के सभी मेडिकल कॉलेजों में अब प्लाज्मा थैरपी (Plasma Therapy) से इलाज हो सकेगा. इसको लेकर आईसीएमआर ने मंजूरी दे दी है. इस संदर्भ में हरियाणा के स्वास्थ्य एवं गृह मंत्री ने सोमवार को ट्वीट करके जानकारी दी. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज (Anil Vij) ने एक ट्वीट में कहा, "आईसीएमआर से मंजूरी मिलने के बाद हरियाणा COVID-19 रोगियों के उपचार के लिए अपने सभी मेडिकल कॉलेजों में प्लाज्मा थैरपी की शुरुआत करेगा." इससे पहले हरियाणा के कुछ जिलों में प्लाज्मा थैरपी से इलाज हो रहा था.

हरियाणा में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की कुल संख्या 14 हजार हो गई है. राज्य में अब तक इस महामारी से 223 लोगों की मौत हुई है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों में से लगभग 10 हजार मामले महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित गुरुग्राम, फरीदाबाद और सोनीपत से आए हैं. हरियाणा में मौजूदा समय में 4,782 लोगों का इलाज चल रहा है, जबकि 9 हजार से अधिक लोगों संक्रमण मुक्त हो चुके हैं. यह भी पढ़ें: कोरोना संकट के बीच देश में क्यों किया जा रहा है सेरोलॉजिकल सर्वे, जानें COVID-19 से जंग में इससे कैसे मिल रहा है लाभ. 

प्लाज्मा थैरपी से होगा इलाज-

बता दें कि राजधानी दिल्ली में भी प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है और इसके सकारात्मक नतीजे भी आ रहे हैं. इसे देखते हुए दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्लाज्मा बैंक बनाने का ऐलान किया है. महाराष्ट्र जहां कोरोना के भारत में सबसे ज्यादा मरीज हैं वहां भी इस थेरेपी का सबसे बड़ा ट्रायल होगा.

प्लाज्मा थेरेपी में कोरोना संक्रमण से ठीक हुए मरीज से शरीर से एंटीबॉडी लेकर दूसरे मरीज को डोनेट किए जाते हैं. कोरोना अटैक के बाद शरीर वायरस से लड़ना शुरू करता है. यह लड़ाई प्लाज्मा की मदद से ही बनने वाली एंटीबॉडी लड़ती है. अगर शरीर पर्याप्त एंटी बॉडी बना लेता है तो मरीज कोरोना को हरा देता है. मरीज के ठीक होने के बाद भी एंटीबॉडी प्लाज्मा के साथ शरीर में रहती हैं, जिन्हें डोनेट किया जा रहा है.

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