चंडीगढ़: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने गुरुवार को कहा कि राज्य सरकार 10 बीएचपी बिजली ट्यूबवेल कनेक्शन के लिए आवेदन करने वाले 20,000 किसानों को जबरन सोलर पंप कनेक्शन दे रही है. कांग्रेस नेता ने कहा कि सोलर पंप देने से किसानों में व्यापक रोष है, क्योंकि वे कई क्षेत्रों में प्रभावी नहीं हैं. किसान सिंचाई से वंचित रहेंगे, खासकर सर्दियों में. इतना ही नहीं, सरकार ने 30 मीटर से कम भूजल वाले क्षेत्रों में सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली अपनाने के लिए किसानों पर एक शर्त भी लगाई है, जो पूरी तरह से अवैध है.
उन्होंने कहा, "हम किसानों के साथ मिलकर मांग करते हैं कि किसानों पर नए नियम थोपने के बजाय उन्हें विकल्प दिए जाएं. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार के पास कनेक्शन के लिए 40 हजार किसानों ने पूरी राशि जमा करा दी है. और भी कई किसान हैं जिन्होंने कनेक्शन के लिए आवेदन किया है, लेकिन सरकार पहले दिन से बहाने बना रही है." Uniform Civil Code: पूरे भारत में लागू होगा यूनिफॉर्म सिविल कोड? विधि आयोग ने 30 दिन के अंदर लोगों की राय मांगी
हुड्डा ने भाजपा-जजपा सरकार को याद दिलाया कि कांग्रेस के कार्यकाल में किसानों को बिना किसी प्रतीक्षा अवधि के 1.74 लाख नलकूप कनेक्शन दिए गए. उन्होंने कहा कि सरकार को भूजल संरक्षण के बारे में बात करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, क्योंकि सरकार ने यमुनानगर, अंबाला और कुरुक्षेत्र जिलों के 125 गांवों में फैली दादूपुर नलवी नहर को बंद कर दिया था.
इतना ही नहीं, कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में भूजल संरक्षण के लिए किसानों को ड्रिप सिंचाई करने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए ड्रिप सिंचाई पर 100 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता था, लेकिन अब किसानों को योजना का लाभ नहीं मिल रहा है.
हुड्डा ने कहा कि सरकार की नीतियां हमेशा किसानों और आम आदमी के खिलाफ रही हैं और इसलिए सरकार उन्हें किसी तरह की राहत नहीं देना चाहती.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने किसानों और आम आदमी के 1600 करोड़ रुपये के बिजली बिल माफ किए. साथ ही किसानों के 2136 करोड़ रुपये के कर्ज माफ किए, लेकिन मौजूदा सरकार ने किसी वर्ग को एक पैसे की राहत नहीं दी.