ग्वालियार ने तबला वादन में रचा इतिहास, सीएम डॉ मोहन यादव ने कहा- हर साल मनाया जाएगा तबला दिवस
मध्य प्रदेश की संगीत सम्राट तानसेन की नगरी ग्वालियर में तबला वादन के मामले में इतिहास रचा गया. एक साथ 13 सौ से अधिक तबला वादकों ने वादन कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करा दिया.
ग्वालियर, 26 दिसंबर : मध्य प्रदेश की संगीत सम्राट तानसेन की नगरी ग्वालियर में तबला वादन के मामले में इतिहास रचा गया. एक साथ 13 सौ से अधिक तबला वादकों ने वादन कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करा दिया. इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने आगामी वर्ष से 25 दिसंबर को प्रदेश में तबला दिवस मनाने का ऐलान किया. ग्वालियर में इन दिनों तानसेन समारोह चल रहा है. ग्वालियर को यूनेस्को ने संगीत नगरी घोषित किया है. इस आयोजन में राष्ट्रीयता का उद्घोष करते हुए 1300 से अधिक संगीत साधकों ने प्रदेश की ऐतिहासिकता, सांस्कृतिकता और संगीत की त्रिवेणी को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करा दिया.
इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड संस्था का प्रमाण पत्र ग्रहण किया. यादव ने कहा कि इस उपलब्धि को यादगार बनाने और सभी संगीत साधकों के सम्मान में 25 दिसंबर को पूरे प्रदेश में तबला दिवस मनाया जाएगा. इस अवसर पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर उपस्थित रहे. मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि ताल दरबार के कला साधकों ने संगीत के कुंभ का नजारा दिखा दिया. आज स्वयं भगवान इंद्र की सभा का स्वरूप नजर आया. यह भी पढ़ें : Veer Bal Diwas 2023: वीर बाल दिवस पर सीएम योगी का ट्विट, चारों साहिबजादों का बलिदान हम सभी को प्रेरणा देता है
प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि चार बरस के नन्हे तबला वादक से लेकर बड़ी उम्र के तबला साधकों से सजा दरबार इस अर्थ में भी अनूठा था कि एक साथ प्रदेश की तीन पीढियां तबला वादन कर रही थीं. तानसेन की ज़मीन पर तबलों की थाप से सजे दरबार मे आज तानसेन की नगरी थिरक रही थी. राष्ट्रगीत वंदे मातरम की परिकल्पना पर आधारित तबला वादकों ने तीन ताल के ठेका पर संगीत के सम्राट तानसेन को संगीतमय प्रणाम किया. हारमोनियम, सितार और सारंगी की धुन पर सजे लहरा और कायदा पर तबला वादन ने ग्वालियर किला को गुंजायमान कर दिया.