अमेरिका में मानव तस्करी के एक मुकदमे के गवाह ने कहा है कि वह 500 से अधिक भारतीय प्रवासियों को तस्करी के जरिए लाया. यह मुकदमा गुजराती परिवार की मौत के मामले से जुड़ा है.अमेरिका के मिनेसोटा में मानव तस्करी के मामले की सुनवाई के दौरान एक दोषी व्यक्ति ने मंगलवार को गवाही दी कि उसने एक अंतरराष्ट्रीय तस्करी गिरोह के हिस्से के रूप में चार साल में 500 से अधिक भारतीय प्रवासियों को अमेरिका-कनाडा सीमा पार कराई, जिसके बारे में अभियोजकों ने कहा कि इस गिरोह के कारण चार लोगों के एक परिवार की मौत हो गई. यह परिवार गुजरात का रहने वाला था.
51 साल के राजिंदर सिंह ने कहा कि उसने इस विशाल योजना के तहत चार लाख डॉलर से अधिक कमाए, जिसमें दो ऐसे लोग शामिल थे, जिन पर अब मानव तस्करी के लिए मुकदमा चल रहा है.
बेहतर जीवन के सपने का फायदा
संघीय अभियोजकों ने कहा कि सिंह ने मुकदमे का सामना कर रहे अन्य व्यक्तियों की तरह, अमेरिका में बेहतर जीवन के भारतीय नागरिकों के सपनों का फायदा उठाया.
सिंह ने भारतीय नागरिक हर्षकुमार रमनलाल पटेल और फ्लोरिडा के स्टीव शैंड पर चल रही सुनवाई के दूसरे दिन गवाही दी. अभियोजकों का कहना है कि उन्होंने पांच सप्ताह की अवधि में भारतीय प्रवासियों को मिनेसोटा की सीमा पार कराने का प्रयास करते समय वित्तीय लाभ को मानव जीवन से अधिक महत्व दिया.
अभियोजकों का कहना है कि पटेल ने तस्करी की योजना का एक हिस्सा चलाया और शैंड को ड्राइवर के तौर पर भर्ती किया. दोनों लोगों ने मानव तस्करी से जुड़े चार मामलों में खुद को निर्दोष बताया है.
सिंह ने कहा कि वह पटेल या शैंड से कभी नहीं मिला, लेकिन उन्होंने स्मगलिंग ऑपरेशन के एक हाई रैंकिंग सदस्य के माध्यम से उनके बारे में सुना.
सिंह ने किए कई बड़े खुलासे
सिंह ने इस बात का अंदरूनी विवरण दिया कि अंतरराष्ट्रीय तस्करी गिरोह कथित तौर पर कैसे काम करता है और इसका लक्ष्य कौन है. सिंह ने बताया कि जिन लोगों की उसने तस्करी की, उनमें से ज्यादातर गुजरात से आए थे.
उन्होंने कहा कि प्रवासी अक्सर तस्करों को भारत से अमेरिका लाने के लिए लगभग एक लाख डॉलर का भुगतान करते थे, जहां वे देश भर के शहरों में कम वेतन वाली नौकरियों में काम करके अपना कर्ज चुकाते थे.
सिंह ने बताया कि तस्कर अपना वित्तीय कारोबार हवाला के जरिए चलाते थे, जो एक अनौपचारिक धन प्रणाली है और विश्वास पर निर्भर करती है.
सिंह कई संघीय आरोपों में दोषी ठहराए जाने के बाद निर्वासित होने के बाद तीन बार अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि वह इसलिए गवाही दे रहे हैम क्योंकि ऐसा करना सही है. सिंह ने तस्करों के बारे में कहा, "वे लोगों की जिंदगी से खेल रहे हैं. लोग मारे गए."
पटेल के वकीलों ने कहा कि सिंह इसलिए गवाही दे रहे हैं क्योंकि वह भारत वापस नहीं जाना चाहते और तस्करी गिरोह चलाने वालों से संभावित खतरे का सामना नहीं करना चाहते. उनकी गवाही के बदले में सिंह का निर्वासन स्थगित कर दिया जाएगा और उन्हें अस्थायी वर्क परमिट दिया जाएगा.
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ठंड से जमकर हुई थी भारतीय परिवार की मौत
सिंह ने बताया कि छात्र वीजा पर लोगों को कनाडा लाने के बाद वह आमतौर पर ब्रिटिश कोलंबिया से लोगों को वॉशिंगटन में तस्करी करके लाता था, जहां वह उबर ड्राइवरों को प्रवासियों को लाने का आदेश देता था.
लेकिन 2021 के अंत में स्मगलिंग ऑपरेशन के सदस्यों ने अपनी योजना बदल दी. उन्होंने लोगों को वॉशिंगटन के बजाय मिनेसोटा में सीमा पार करने के लिए भेजना शुरू कर दिया.
अभियोजकों ने कहा कि 19 जनवरी 2022 को कनाडा में सर्दी से जमकर 39 वर्षीय जगदीश बलदेवभाई पटेल, वैशालीबेन जगदीश कुमार पटेल (37), विशांगी जगदीश कुमार पटेल (11) और धार्मिक जगदीश कुमार पटेल (3) की मौत हो गई थी. पटेल एक आम भारतीय उपनाम है और पीड़ित हर्षकुमार पटेल से संबंधित नहीं थे.
अभियोजन पक्ष द्वारा मंगलवार को बुलाए गए अन्य गवाहों ने कहा कि जिस रात पीड़ितों ने कनाडा से अमेरिका में प्रवेश करने की कोशिश की, उस रात बर्फ से भरे विशाल खेतों और तेज हवाओं के बीच से गुजरते हुए स्थितियां बहुत बुरी थीं.
नॉर्थ डकोटा कृषि मौसम नेटवर्क के डायरेक्टर और जलवायु विज्ञानी डेरिल रिचिसन ने जूरी सदस्यों को बताया कि जब भी मौसम की स्थिति और हवा का तापमान माइनस 34 डिग्री तक गिरता है, तो 10 मिनट के भीतर शीतदंश हो सकता है.
एए/वीके (एएफपी, एपी)