Twitter पर एक बार फिर अहमदाबाद का नाम कर्णावती रखने की मांग हुई तेज, पढ़े डिटेल्स
ट्विटर पर एक बार फिर अहमदबाद का नाम कर्णावती रखने की मांग हुई तेज, पढ़े इसके पीछे का क्या है इतिहास
गांधी नगर: गुजरात के अहमदाबाद शहर (Ahmedabad) का नाम कर्णावती (Karnavati) रखने की मांग सोशल मीडिया पर एक बार फिर से तेज हो गई है. इसको लेकर बुधवार को ट्विटर पर #WeWantKarnavati ट्रेंड कर रहा है. अहमदबाद को लेकर नेटिजंस का कहना था कि अहमदाबाद की नींव अहमदशाह ने नहीं बल्कि राजा कर्णदेव ने रखी थी. इसलिए शहर का नाम उन्हीं के नाम पर होना चाहिए. तो जानते है कि इसका नाम रखने और अब फिर बदलने के पीछे का इतिहास क्या हैं. क्यों लोग अहमदाबाद शहर का नाम कर्णावती रखने की मांग कर रहे हैं.
अहमदाबाद के इतिहास को लेकर इतिहास कार बताते हैं कि ये ग्यारहवीं शताब्दी से शुरू होता है. ये वो दौर था जब सोलंकी वंश के शासक राजा कर्णदेव-प्रथम थे. उन्होंने भील राजा अशपाल या अशावल से जंग लड़ी. कर्णदेव युद्ध में जीते और साबरमती नदी के किनारे कर्णावती नाम का शहर बसाया. सोलंकी शासन तेरहवीं शताब्दी तक चला. इसके बाद गुजरात द्वारका के वाघेला वंश के नियंत्रण में आ गया.
कर्णावती नाम रखने को लेकर लोगों का ट्वीट:
सोशल मीडिया पर ट्वीट कर लोग गुजरात के सीएम विजय रूपाणी से मांग कर रहे हैं कि जब उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ जब नाम बदल सकते है तो फिर विजय रूपाणी अहमदाबाद का नाम बदलकर कर्णावती क्यों नहीं कर सकते हैं.
ट्वीट पर लोगों की मांग:
सोशल मीडिया पर कई लोग इस बड़े शहर के नाम को ऐतिहासिक भूल बता रहे हैं. इस शहर का नाम बदलने को लेकर एक ऑनलाइन याचिका की भी बात की गई है. जिसमें अहमदाबाद का नाम कर्णावती करने की सरकार से की गई है.
अहमदाबाद को लेकर इतिहासकार बताते हैं कि 13वीं शताब्दी गुजरते गुजरते गुजरात दिल्ली की सल्तनत का हिस्सा बन चुका था. फिर सन् 1411 में तत्कालीन सुल्तान अहमद शाह (Ahmed Shah) ने कर्णावती के पास अहमदाबाद शहर को बसाया. 1487 में अहमद शाह के पोते महमूद बेगाड़ा ने शहर के चारों ओर बाहरी दीवार बनवाई और इसमें 12 द्वार, 189 बुर्ज और और 6,000 से ज्यादा जंगी मोर्चे वाली चहारदीवारी बनवाई. जिसके बाद से उस शहर को अहमदाबाद के नाम से लोग जानने और पहचानने लगे.