आम आदमी को बड़ी राहत, कंप्यूटर, टीवी, मूवी टिकट, ऑटो पार्ट्स समेत कई चीजें सस्ती
100 रुपये तक के सिनेमा टिकट पर GST घटाकर 12 फीसदी किया गया है, जबकि 100 रुपये से महंगे सिनेमा टिकट पर GST 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी किया गया है. जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की नई प्रणाली एक जनवरी 2019 से लागू होगी.
जीएसटी काउंसिल (GST Council) की बैठक में सरकार ने आम आदमी को बड़ी राहत देते हुए रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली 33 वस्तुओं पर जीएसटी की दर 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत और 5 प्रतिशत कर दी गई है. 7 आइटम को 28 फीसदी की स्लैब से हटाकर 18 फीसदी की स्लैब में लाया गया है. जीएसटी के 28 फीसदी स्लैब से 6 चीजों को बाहर कर दिया गया. इन वस्तुओं पर जीएसटी स्लैब 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी कर दिया गया. 100 रुपये तक के सिनेमा टिकट पर GST घटाकर 12 फीसदी किया गया है, जबकि 100 रुपये से महंगे सिनेमा टिकट पर GST 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी किया गया है. जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की नई प्रणाली एक जनवरी 2019 से लागू होगी.
मीटिंग में तय की गई नई दरों के बाद अब अब सिर्फ लग्जरी सामानों और सिन गुड्स (जैसे- सिगरेट, तंबाकू इत्यादि) पर ही 28 फीसदी जीएसटी लगेगा. जिन वस्तुओं का जीएसटी स्लैब 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी किया गया है, उनमें मोटर व्हिकल के पार्ट्स, टीवी, कंप्यूटर, टायर्स समेत कुल 6 चीजें शामिल हैं. जीएसटी दर में कटौती होने से इन वस्तुओं के दाम में कमी आएगी. शनिवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया. बैठक में सभी राज्यों के वित्त मंत्री शामिल थे.
इसके अलावा मॉनिटर-टीवी और पावर बैंक जैसी कई चीजों पर जीएसटी घटाया गया है. वहीं, ऑटो पार्ट्स और टायर पर जीएसटी 28 फीसदी से 18 फीसदी करने का फैसला लिया गया है. बैठक में धार्मिक यात्राओं पर लगने वाले टेक्स को पांच फीसदी किया गया है.
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने बताया, ‘’आज कुछ चीजों पर टैक्स कम करने का फ़ैसला लिया गया है. दरों को तर्कसंगत बनाने के अलावा राजस्व का भी ध्यान रखना है. दोनों के बीच संतुलन ज़रूरी है. उन्होंने बताया, ‘’जीएसटी परिषद ने 28 प्रतिशत टैक्स स्लैब की सात चीजों पर टैक्स की दर कम की हैं. इस स्लैब में अब सिर्फ 28 चीजें बची हैं. जेटली ने कहा, ‘’जीएसटी परिषद ने कुल 23 चीजों और सेवाओं पर जीएसटी कर की दरों में कमी की है. इससे राजस्व पर 5500 करोड़ रुपए का प्रभाव पड़ेगा.’’