सरकार जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन की प्रभावी निगरानी के लिए सेंसर आधारित आईओटी का इस्तेमाल करेगी

जल शक्ति मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि उसने फैसला किया है कि वह छह लाख से ज्यादा गांवों में जल जीवन मिशन (जेजेएम) के कार्यान्वयन की प्रभावी निगरानी करने के लिए सेंसर आधारित ‘इंटरनेट ऑफ थिंग्स’ (आईओटी) उपकरण का इस्तेमाल करेगा.

जल शक्ति मंत्रालय ( photo credit : twitter )

नयी दिल्ली, 1 अप्रैल : जल शक्ति मंत्रालय (Ministry of Water Power) ने बुधवार को कहा कि उसने फैसला किया है कि वह छह लाख से ज्यादा गांवों में जल जीवन मिशन (JJM) के कार्यान्वयन की प्रभावी निगरानी करने के लिए सेंसर आधारित ‘इंटरनेट ऑफ थिंग्स’ (आईओटी) उपकरण का इस्तेमाल करेगा. मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि जल जीवन मिशन ने ‘टाटा कम्यूनिटी इनिशिएटिव ट्रस्ट’ (TCIT) और ‘टाटा ट्रस्ट्स’ के सहयोग से उत्तराखंड, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र के दूर दराज़ के कई गांवों में हाल में एक पायलट परियोजना को पूरा किया है.

बयान के मुताबिक, इन पायलट परियोजनाओं की प्रमुख विशेषता किफायती मगर मजबूत सेंसर का इस्तेमाल रही जो समाधान को टिकाऊ बनाते हैं. यह भी पढ़ें : प्रधानमंत्री मोदी ने असम, बंगाल के मतदाताओं से भारी संख्या में मतदान की अपील की

टीम के समक्ष सबसे प्रमुख समस्याओं में गुणवत्ता से समझौता किए बिना जल अवसंरचना की लागत के एक अंश से एक मजबूत समाधान विकसित करना रही.

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