नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने दाल की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए बड़ा फैसला लिया है. मोदी सरकार गेहूं की तरह अब दाल भी बफर स्टॉक से बेचेगी. सरकार को उम्मीद है कि मार्केट में अरहर दाल की पहुंच बढ़ने से कीमतों में कुछ हद तक कमी आ सकती है. खाद्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार आपूर्ति की कमी और आयात शिपमेंट के आगमन में देरी के बीच कीमतों को कम करने के लिए खुले बाजारों में अपने स्टॉक से व्यापक रूप से खपत की जाने वाली दालों की एक अनिर्दिष्ट मात्रा में अरहर की दाल बेचेगी. Tomato Price Hike: महंगाई की मार! दिल्ली, मुंबई समेत कई शहरों में टमाटर के दाम बढ़े.
जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार नीलामी के जरिए मार्केट में अरहर की दाल बेचेगी. इसके लिए खाद्य मंत्रालय ने नेफेड और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (NCCF) को आदेश दे दिया है. फेड और एनसीसीएफ ऑनलाइन नीलामी के माध्यम से मिल मालिकों को दाल बेचेंगे, ताकि मार्केट में अरहर दाल का स्टॉक बढ़ाया जा सके.
सरकार आमतौर पर आकस्मिकताओं और वस्तुओं की कीमतों में भारी वृद्धि के बीच आवश्यकताओं को प्रबंधित करने के लिए बफर स्टॉक रखती है. गौरतलब है कि सरकार ने जमाखोरी और सट्टेबाजी को रोकने और उपभोक्ताओं के लिए कीमत समान्य बनाए रखने के लिए 2 जून, 2023 को आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 को लागू करके तूर और उड़द दाल के स्टॉक की अधिकतम सीमा लागू की थी.
इस आदेश के तहत सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 31 अक्टूबर, 2023 तक तुर और उड़द के लिए स्टॉक सीमा निर्धारित की गई है.