जम्मू और कश्मीर में चुनाव के लिए केंद्र सरकार तैयार: राजनाथ सिंह

जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने का बचाव करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि भाजपा की मंशा पर सवाल नहीं किया जा सकता.

गृहमंत्री राजनाथ सिंह (Photo Credits: PTI)

जम्मू कश्मीर (Jammu and Kashmir ) में सामान्य स्थिति बहाल करने और विकास को गति देने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh)  ने शुक्रवार को लोकसभा (Lok Sabha) में कहा कि केंद्र चुनाव को तैयार है और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रतिबद्ध है. जम्मू कश्मीर में संविधान के अनुच्छेद 356 लगाये जाने के संबंध में सांविधिक संकल्प पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में कोई भी गलत या अनैतिक कार्य इस सरकार के तहत नहीं होगा. राज्य में चुनाव कराने के बारे में कुछ सदस्यों के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव कराना चुनाव आयोग का काम है लेकिन हम चुनाव के लिये पूरी तरह से तैयार हैं. अगर आयोग चुनाव के संबंध में सुरक्षा मांगता है तो हम प्रदान करेंगे.

सिंह ने कहा कि केंद्र लोकतांत्रिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह से तैयार है. जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने का बचाव करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि भाजपा की मंशा पर सवाल नहीं किया जा सकता. अगर भाजपा को सरकार बनानी होती तो वह छह महीने के समय में कोशिश कर सकती थी, लेकिन हमने नहीं किया. उन्होंने जोर दिया कि हो सकता है कि एक-दो लोगों ने कोई प्रयास किया हो लेकिन हमारी तरफ से, हमारी सरकार की तरफ से कोई प्रयास नहीं हुआ. चूंकि सरकार बनाने को कोई तैयार नहीं था और इस बारे में राज्यपाल की रिपोर्ट थी, ऐसी परिस्थिति में अनुच्छेद 356 का प्रयोग किया गया. राज्यपाल के पास कोई विकल्प नहीं था. यह भी पढ़ें- बुलंदशहर हिंसा: बीजेपी विधायक का देवेंद्र सिंह लोधी का बड़ा दावा, इंस्पेक्टर सुबोध ने खुद को मारी थी गोली

राजनाथ सिंह ने कहा कि हमने बार बार अपील की है कि सभी पक्षों से बात कर के हम समस्या का समाधान निकालना चाहते हैं. हम दो बार सर्वदलीय शिष्टमंडल लेकर भी गए. उन्होंने कहा कि हम राज्य में जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत बनाना चाहते हैं. इसके तहत स्थानीय निकायों को वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार दिया गया है. युवाओं को रोजगार के प्रबंध किये गए हैं और विकास कार्यो पर जोर दिया जा रहा है.

अनुच्छेद 356 के प्रयोग के संदर्भ में राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्होंने स्वयं एक बार राज्यपाल से पूछा कि क्या वहां कोई भी सरकार बनाने के लिए तैयार नहीं है? ‘‘मैंने अखबार में पढ़ा था कि नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस तीनों पार्टियां मिलकर सरकार बना सकती हैं. लेकिन सुबह मैंने राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद का बयान पढ़ा कि कांग्रेस नहीं बनाना चाहती. इसलिए मेरी धारणा बनी कि वहां कोई भी सरकार नहीं बनाना चाहता. राज्यपाल ने भी कहा कि कोई भी सरकार नहीं बानाना चाहता है.’’

राज्य में भाजपा और पीडीपी के मिलकर सरकार बनाने के संदर्भ में उन्होंने कहा कि आप इसे अस्वाभाविक विवाह कहिए या क्या कुछ भी कहिए. जिसे ‘‘नैचुरल मैरिज’’ कहा जाता है वह भी कब टूट जाए, उसका पता नहीं. सिंह ने कहा, ‘‘कश्मीर के लोग हमसे अलग नहीं है. कश्मीर की ऐसी हालात देखकर हर व्यक्ति को तकलीफ होती है. मैंने बार बार यही कहा है कि मैं कश्मीर की समस्या के समाधान के लिए तैयार हूं, आप (राजनीतिक दल) बताएं कि क्या किया जा सकता.’’

उन्होंने कहा कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल कुछ दलों के नेता अलगावादियों से मिलने के लिए गए थे, लेकिन उन्हें किस तरह से लौटना पड़ा, उसका वह जिक्र नहीं करना चाहते. गृह मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के हालात बहुत नाजुक थे. हमने स्थिति को ठीक करने के लिए कई प्रयास किए. स्थानीय निकाय के चुनाव में यह किया. हमने स्थानीय निकायों को वित्तीय और प्रशासनिक शक्तियां दी हैं ताकि उनकी निर्भरता राज्य सरकार और केंद्र पर नहीं रहे.

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