UP के गाजियाबाद में दिल दहला देने वाली वारदात, मकान मालिक ने PhD कर रहे छात्र की हत्या कर शव के 4 टुकड़े कर नहर में फेंका
गाजियाबाद में एक दिल दहला देने वाला वाकया सामने आया है. एक मकान मालिक ने कारोबार के लिए किराएदार से 60 लाख रुपये उधार लिए थे. उधार चुकाना ना पड़े, इसलिए उसने पीएचडी कर रहे छात्र की हत्या कर उसके शव को 4 टुकड़ों में काटकर गंगनहर में फेंक दिया
गाजियाबाद, 14 दिसंबर: गाजियाबाद में एक दिल दहला देने वाला वाकया सामने आया है. एक मकान मालिक ने कारोबार के लिए किराएदार से 60 लाख रुपये उधार लिए थे. उधार चुकाना ना पड़े, इसलिए उसने पीएचडी कर रहे छात्र की हत्या कर उसके शव को 4 टुकड़ों में काटकर गंगनहर में फेंक दिया, बाद में उसके खाते से और 40 लाख रुपये निकाल लिए। पुलिस ने इस मामले में मकान मालिक समेत दो लोगों को हिरासत में लिया है. मिली जानकारी के मुताबिक, मोदीनगर में रहने वाले अंकित खोकर के माता-पिता नहीं हैं। वह मोदीनगर में एक किराए के मकान में रहता था.
मकान मालिक ने उसकी 6 अक्टूबर को हत्या कर दी और उसके शव को 4 टुकड़ों में काटकर गंगनहर में बहा दिया. इस मामले में मकान मालिक उमेश शर्मा सहित दो लोग हिरासत में लिए गए हैं. अंकित लखनऊ के डॉक्टर के बी.आर. आंबेडकर यूनिवर्सिटी में पीएचडी की थीसिस जमा करके बाद तीन महीने से मोदीनगर के राधा एन्क्लेव में किराए के मकान में रह रहा था. उसने बागपत में अपनी पुश्तैनी जमीन बेच दी थी, जिससे उसके खाते में करीब डेढ़ करोड़ रुपये आ गए थे. यह बात पता चलने पर मकान मालिक ने उसकी रकम हड़पने के लालच में उसकी हत्या कर दी. यह भी पढ़े: कर्नाटक में युवक ने पिता की हत्या कर शव के टुकड़े-टुकड़े बोरवेल में फेंके
अंकित खोखर का दोस्त रूपेश और उसके अन्य साथी उससे लगातार व्हाट्सअप चैट करते थे. उसके दोस्तों ने पाया कि अंकित चैट पर तो बात करता था, लेकिन फोन नहीं उठाता था. चैट के मैसेज में स्पेलिंग मिस्टेक देखकर उन्हें अंदाजा लग गया कि कोई और है जो अंकित का फोन चला रहा है. रूपेश और उसके दोस्त अंकित से मिलने मोदीनगर पहुंचे, लेकिन वहां अंकित नहीं मिला. तब उन्होंने 12 दिसंबर को मोदीनगर थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई.
बाद में पुलिस ने खुलासा किया कि अंकित की हत्या करने के बाद भी मकान मालिक उमेश उसके फोन को तकरीबन दो महीने तक चलाता रहा. इस दौरान वह अंकित के दोस्तों से चैट भी किया करता था, ताकि किसी को कोई शक भी ना हो. असल में फोन चलाने के पीछे का मुख्य मकसद अंकित के खाते में पड़े पैसों को ट्रांसफर करना था.
अंकित के फोन पर इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा मौजूद थी और उसी के जरिए मकान मालिक ने पिछले दो महीनों में उसके खाते से और 40 लाख रुपये अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए. शिकायत मिलने के बाद जब पुलिस ने जांच की तो पता चला कि अंकित के खाते में केवल 10 लाख रुपये ही बचे हैं.
अंकित की हत्या कर शव फेंके जाने के दो महीने बाद मामले का खुलासा हुआ है। ऐसे में पुलिस की कई टीमें अंकित के शव की तलाश में जुटी हैं। वहीं डीसीपी (ग्रामीण) डॉ. इरज राजा ने बताया कि सबूत इकट्ठा करने के लिए फील्ड यूनिट की फॉरेंसिक टीम अंकित के कमरे की जांच पड़ताल की है, वहां पुलिस को कुछ खून के निशान और बाल के टुकड़े मिले हैं। इस मामले में फिलहाल दो लोगों को हिरासत में लिया गया है.