General Government Deficit and Debt: 2022-23 में सरकारी घाटे व कर्ज में आई कमी- आरबीआई
सामान्य सरकारी घाटा और कर्ज जीडीपी के क्रमश: 9.4 फीसदी और 86.5 फीसदी पर आ गया है, जो 2022-23 में क्रमश: 13.1 फीसदी और 2020-21 में 89.4 फीसदी के चरम स्तर पर था। यह बात भारतीय रिजर्व बैंक ने 2022-23 अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कही है.
नई दिल्ली, 30 मई: सामान्य सरकारी घाटा और कर्ज जीडीपी के क्रमश: 9.4 फीसदी और 86.5 फीसदी पर आ गया है, जो 2022-23 में क्रमश: 13.1 फीसदी और 2020-21 में 89.4 फीसदी के चरम स्तर पर था. यह बात भारतीय रिजर्व बैंक ने 2022-23 अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कही है. सरकारी वित्त पर टिप्पणी करते हुए रिपोर्ट ने कहा, विश्वसनीय राजकोषीय समेकन के लिए प्रतिबद्ध होने के दौरान, सरकार ने संवर्धित पूंजीगत व्यय के माध्यम से निवेश चक्र में पुनरुद्धार का नेतृत्व किया है, निजी निवेश में क्राउडिंग-इन द्वारा इसके गुणक प्रभावों को पहचाना है और अर्थव्यवस्था की विकास क्षमता को बढ़ाया है. यह भी पढ़ें: RBI Annual Report: आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट में बड़ा खुलसा, 2022-23 में 500 रुपये के नकली नोट 14.6 प्रतिशत बढ़े
यह रेखांकित किया गया है कि नीतिगत बफर्स के पुनर्निर्माण और ऋण स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए राजकोषीय समेकन को बनाए रखने की आवश्यकता होगी. रिपोर्ट में सुझाव दिया गया कि, डिजिटलीकरण पर निरंतर जोर अर्थव्यवस्था के अधिक औपचारिककरण में सहायता कर सकता है और इस तरह उच्च कर आधार, विकासात्मक व्यय के लिए आवश्यक संसाधन पैदा कर सकता है.