गरीब रथ ट्रेनों का परिचालन बंद करने की कोई योजना नहीं: रेलवे
मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि गरीब रथ ट्रेनों को हटाने की कोई योजना नहीं है और ऐसी 26 ट्रेनों का देश में संचालन किया जा रहा है. गरीब रथ रेल की शुरूआत गरीब लोगों को वातानुकूलित रेल की सुविधा देने के लिए तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने 2005 में की थी.
रेल मंत्रालय ने शुक्रवार को काठगोदाम-जम्मू और काठगोदाम-कानपुर रेलमार्गों पर गरीब रथ (Garib Rath) रेलों को मेल या एक्सप्रेस ट्रेन से प्रतिस्थापित करने के फैसले को वापस ले लिया. इसी के साथ कम किराए वाली वातानुकूलित ट्रेन (गरीब रथ) की सेवाएं इन मार्गों पर चार अगस्त से पुन: शुरू हो जायेंगी. मंत्रालय ने कहा कि उत्तर रेलवे में डिब्बों की कमी के कारण गरीब रथ की साप्ताहिक चलने वाली दो जोड़ी ट्रेनों को अस्थाई तौर पर एक्सप्रेस सेवा के तौर पर चलाया जा रहा है. रेल मंत्रालय ने इन ट्रेनों के हाल ही में संचालन बंद करने के विरोध के बाद ट्वीट में कहा,‘‘काठगोदाम और जम्मू तवी के बीच चलने वाली गरीब रथ ट्रेन संख्या 12207/08 और कानपुर और काठगोदाम के बीच चलने वाली गरीब रथ ट्रेन संख्या 12207/10 की सेवाएं चार अगस्त, 2019 से दोबारा प्रभावी हो जायेंगी.’’
मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि गरीब रथ ट्रेनों को हटाने की कोई योजना नहीं है और ऐसी 26 ट्रेनों का देश में संचालन किया जा रहा है. गरीब रथ रेल की शुरूआत गरीब लोगों को वातानुकूलित रेल की सुविधा देने के लिए तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने 2005 में की थी. यह भी पढ़ें- राजधानी, शताब्दी और दूरंतो ट्रेनों में फ्लैक्सी किराया खत्म करने पर रेल मंत्री पीयूष गोयल ने दिया ये जवाब
पहली गरीब रथ रेल बिहार के सहरसा से पंजाब के अमृतसर के बीच शुरू की गई थी.