बेंगलुरु: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन (Gaganyaan Mission) के लिए एक "महिला" रोबोट विकसित किया है. जिसे इसरो ने 'व्योममित्र' (Vyommitra) नाम दिया है. इसरो 'व्योममित्र' का इस्तेमाल अपनी पहली मानवरहित उड़ान के परिक्षण के लिए करने वाली है. इसरो ने कहा कि यह रोबोट एक प्रयोग के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा.
मिली जानकारी के मुताबिक इस साल के अंत में होने वाले गगनयान मिशन के पहले टेस्टफ्लाइट के लिए 'व्योममित्र' को तैयार किया गया है. इसरो साल 2022 में इंसानों को अंतरिक्ष में भेजने से पहले परिक्षण के तौर पर भेजने की तैयारी में है. व्योममित्र सभी लाइव ऑपरेशन करने में सक्षम है. यह एक मानव की तरह कार्य करेगा और इसरो को जानकारियां भेजेगा.
बता दें कि इसरो ने गगनयान मिशन के लिए अंतरिक्ष यात्री के तौर पर किसी महिला का चयन नहीं किया है. मिशन गगनयान: ISRO बना रहा अपना खुद का सैटेलाइट कम्युनिकेशन सिस्टम, जद में होगी पूरी दुनिया
'Vyommitra', the humanoid for #Gaganyaan unveiled; This prototype of humanoid will go as trial before Gaganyaan goes with Astronauts @isro pic.twitter.com/77qpeE7SUw
— DD News (@DDNewslive) January 22, 2020
इसरों ने 'व्योममित्र' की आज (22 जनवरी) पहली झलक दिखाई. यह रोबोट कई काम करने में सक्षम है, इसे दो भाषाएं भी आती है. इसरो ने इसका निर्माण यह सुनिश्चित करने के लिए किया है कि गगनयान मिशन पर मनुष्यों को भेजने और उन्हें सुरक्षित वापस लाने की क्षमता को परखा जा सके.
Bengaluru: ISRO's half humanoid 'Vyommitra' to be placed in the first unmanned mission under #Gaganyaan to simulate most of the human body functions. Sam Dayal, ISRO scientist says, "It will try to simulate a human & report back to us. We are doing this as an experiment". pic.twitter.com/tikJJLierO
— ANI (@ANI) January 22, 2020
इसरो चीफ के सिवन (K Sivan) ने बुधवार को कहा “इस साल के आखिर तक हम पहले मानव रहित मिशन का सफल प्रक्षेपण करेंगे. जनवरी के अंत तक चार अंतरिक्ष यात्रियों को रूस में ट्रेनिंग के लिए भेजा जाएगा. हमें नासा, रूस और अन्य अंतरराष्ट्रीय स्पेस एजेंसियों से मदद और सहयोग प्राप्त हो रहा है.”
उल्लेखनीय है कि इसरों की महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन के लिए चार अंतरिक्ष यात्रियों का चयन किया जा चुका है. भारतीय वायुसेना से ताल्लुक रखने वाले सभी अंतरिक्ष यात्रियों का रूस में प्रशिक्षण होगा. गगनयान मानव को अंतरिक्ष में ले जाने का भारत का पहला अभियान है.